Friday, 16 July 2021
अंतरिक्ष के सफर पर भारत की बेटी
एरोनॉटिकल इंजीनियर शिरिषा बांदला सोमवार को अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बन गईं। उन्होंने अमेरिका के न्यू मैक्सिको प्रांत से ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन के साथ वर्जिन गैलेक्टिक की अंतरिक्ष के लिए पहली पूर्ण चालक दल वाली सफल परीक्षण उड़ान भरी। शिरिषा से पहले कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष का सफर कर चुकी हैं। एक फरवरी 2003 को स्पेस शटल कोलंबिया जब पृथ्वी पर वापस आ रहा था तो वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में कल्पना चावला सहित सात अंतरिक्ष यात्रियों की मृत्यु हो गई थी। वहीं सुनीता विलियम्स के नाम महिला के रूप में सबसे अधिक स्पेस वॉक करने का रिकॉर्ड है। सबसे पहले भारतीय नागरिक के तौर पर विंग कमांडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे। शिरिषा बांदला ने कहा कि उपर से धरती को देखना एक अद्भुत और जीवन बदलने वाला अनुभव रहा। बता दें कि बांदला करीब 53 मील की ऊंचाई पर चार मिनट तक भारहीनता महसूस करने व धरती का नजारा देखने के बाद वापस लौट आई थीं। बांदला ने एसबीसी न्यूज से एक इंटरव्यू में कहाöलगता है कि मैं अभी वहीं हूं। लेकिन यहां आकर बहुत खुशी हुई। मैं अद्भुत से बेहतर शब्द के बारे में सोचने की कोशिश कर रही थी। लेकिन यही एकमात्र शब्द है जो मेरे दिमाग में आ सकता है। पृथ्वी का दृश्य देखना जीवन बदलने जैसा है। अंतरिक्ष में यात्रा करना वास्तव में अद्भुत है। उन्होंने अंतरिक्ष के पलों को भावुक करने वाले बताते हुए कहाöमैं बचपन से ही अंतरिक्ष में जाने का सपना देख रही थी और सचमुच यह एक सपने के सच होने जैसा है। इधर गुंटूर में शिरिषा के दादा बांदला रागैया ने सोमवार को बताया कि उनकी पोती की नजर बचपन से ही आकाशगंगा, हवाई जहाज और अंतरिक्ष की तरफ बहुत उत्सुकता से देखती थी।
-अनिल नरेन्द्र
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