Monday 19 July 2021

मोदी-पवार मुलाकात से चढ़ा सियासी पारा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर करीब एक घंटे लंबी चर्चा की। इस चर्चा से दिल्ली और महाराष्ट्र के साथ देशभर में सियासी अटकलें लगने लगी हैं। दोनों पक्षों ने आपसी बातचीत को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं दी। हालांकि पीएमओ और पवार की ओर से किए गए ट्वीट से जो चीजें छनकर सामने आईं, उनसे बैठक में बैंकिंग संशोधन कानून और सहकारिता क्षेत्र समेत कई मुद्दों पर चर्चा होने की बात कही जा रही है। राकांपा की ओर से कहा गया कि इस मुलाकात के बारे में सहयोगी दलों को पहले ही बता दिया गया था। इस मुलाकात के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय ने बैठक की एक तस्वीर ट्वीट की, लेकिन बातचीत के बारे में कोई विवरण सांझा नहीं किया। उधर पवार ने भी एक ट्वीट में कहाöहमने अपने देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। राष्ट्रीय हित के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। यह बैठक संसद के मानसून सत्र से दो दिन पहले हो रही है, जो सोमवार से शुरू हो रहा है। बाद में पवार ने एक पत्र ट्वीट किया, जो उन्होंने पीएम को बैंकिंग अधिनियम में संशोधन के बारे में लिखा है। उन्होंने लिखा कि मैं कुछ विसंगतियों व अधिनियम के मानक प्रावधानों की परिणामी कानून अक्षमता को इंगित करना चाहता हूं, जिनसे भ्रम की स्थिति है। खासतौर से 97वां संवैधानिक संशोधन जिससे राज्य सहकारी समिति अधिनियम और सहकारी सिद्धांतों के साथ टकराव की स्थिति है। शरद पवार ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में नवनियुक्त सदन के नेता पीयूष गोयल से भी मुलाकात की थी। वहीं भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी पवार से मुलाकात की। इन मुलाकातों के बाद अटकलों का बाजार गरम हो गया। अटकलें लगाई जा रही हैं कि महाराष्ट्र में एनसीपी और भाजपा की नजदीकियां बढ़ सकती हैं, जो शिवसेना के लिए खतरे का संकेत हैं। कुछ दिन पहले एनसीपी के रवैये के बाद शिवसेना ने भी संकेत दिया था कि उनकी भाजपा से कोई दुश्मनी नहीं है। शिवसेना ने प्रधानमंत्री की तारीफ भी की थी। शिवसेना के बयान और शरद पवार की प्रधानमंत्री से मुलाकात से अनुमान लगाया जा रहा है कि महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि शरद पवार राजनीतिक संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री से मिले। दरअसल वह एनसीपी नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई से व्यथित हैं। इसी मुद्दे पर वह पीएम से मिले हैं, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि शरद पवार नया को-ऑपरेटिव मंत्रालय के गठन को लेकर भी मोदी से मिले हैं। महाराष्ट्र में को-ऑपरेटिव पर पवार का जबरदस्त प्रभाव है। पवार नया मंत्रालय बनाने से खुश नहीं हैं। सोमवार को संसद सत्र को लेकर भी प्रधानमंत्री से चर्चा की और प्रधानमंत्री ने भी उनसे सहयोग मांगा। अलबत्ता दोनों तरफ से इस मुलाकात का विवरण सांझा नहीं किया गया। फिर भी अटकलें महाराष्ट्र को लेकर लगाई जा रही हैं। अटकलें लगाई जाने के बाद एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि भाजपा और एनसीपी कभी एक साथ नहीं आ सकते हैं। दोनों की विचारधारा अलग-अलग है। शहरी राजनीतिक सूझबूझ के लिए मशहूर शरद पवार, महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के मुख्य वास्तुकार हैं। उन्हें भाजपा के खिलाफ किसी भी भावी विपक्षी गठबंधन के लिए सूत्रधार के रूप में देखा जाता है।

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