Wednesday, 21 July 2021

सप्लाई होने वाले राशन की भी जानकारी लेते थे

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के हैंडलर ठेकेदार हबीबुर्रहमान उर्फ हबीब और सैन्य कर्मी परमजीत से राजस्थान व अन्य बॉर्डरों पर तैनात हमारे जवानों के बारे में पूरी जानकारी लेते थे। हैंडलर बॉर्डरों पर सप्लाई होने वाले राशन तक के बारे में भी जानकारी मांगते थे। इससे हैंडलर यह अंदाजा लगाते थे कि किस बॉर्डर पर कितनी भारतीय सेना तैनात है। आरोपी पिछले दो वर्ष से गोपनीय दस्तावेज व सूचनाएं पाकिस्तानी हैंडलरों को दे रहे थे। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परमजीत की तैनाती पहले पोखरण में थी। वह पोखरण में सेना की सप्लाई यूनिट में तैनात था। ऐसे में उसे पता था कि किस बॉर्डर पर कितना राशन सप्लाई होता है। हबीबुर्रहमान सेना को राशन सप्लाई करता था। इस कारण उसकी परमजीत से दोस्ती थी। पाकिस्तान हैंडलर बाद में अन्य जानकारी मांगने लगा जैसे कि कहां कितनी पोस्टें हैं और एक पोस्ट में कितने जवान तैनात रहते हैं। शुरुआती जांच में यह बातें सामने आई हैं कि परमजीत अफसरों के कमरे में घुसकर गोपनीय दस्तावेज चुरा लेता था। दोनों ही आरोपी व्हॉट्सएप के जरिये भी हैंडलरों को गोपनीय जानकारी व दस्तावेज देते थे। पुलिस ने दोनों का मोबाइल व अन्य सामान जब्त कर लिया है। आरोपियों के कई बैंक खाते हैं। इनके सभी बैंक खातों में हवाला के जरिये रकम आती थी। दिल्ली पुलिस ने सेना से पूछा है कि परमजीत के कितने बैंक खाते हैं और इसका सैलेरी खाता कहां हैं? पुलिस ने आर्मी हैडक्वार्टर को आरोपियों के कब्जे से बरामद गोपनीय दस्तावेज व अन्य जानकारी लेने के लिए पत्र लिखा है। अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि इस मामले में जल्द ही दिल्ली, यूपी और राजस्थान से और गिरफ्तारियां होंगी। यह बात भी सामने आई है कि आरोपी व्हॉट्सएप पर हैंडलरों को गुप्त सूचना देते थे। आरोपियों ने सीडी के जरिये भी संवेदनशील जानकारियां हैंडलरों को दी थीं। हबीबुर्रहमान 2019 में पाकिस्तान गया था। इस बार उसे कैश में रकम दी गई थी। हाई स्कूल तक पढ़ाई करने वाले हबीबुर्रहमान ने कई जगह काम किया था। वर्ष 2009 में बीकानेर से पोखरण आया था। पोखरण में इसने सेना में ठेके पर सब्जियां व फल सप्लाई करना शुरू किया। बाद में आइसक्रीम व अन्य सामान सप्लाई करना शुरू कर दिया। हैंडलरों के कहने पर इसने परमजीत से दोस्ती की। परमजीत से यह गोपनीय दस्तावेज लेता था। स्पेशल सीपी प्रवीन रंजन ने बताया कि क्राइम ब्रांच एक ऑपरेशन पर काम कर रही थी। उसे सूचना मिली थी कि सेना के कुछ सीक्रेट दस्तावेज हमारे दुश्मन देश को भेजे जा रहे हैं। जासूसी के नेक्सस का पता सबसे पहले पोखरण से चला। यहां से हबीबुर्रहमान के बारे मे पता चला, उसके घर पर रेड की गई, जहां काफी दस्तावेज बरामद हुए जोकि सेना से जुड़े थे। परमजीत जब पोखरण में पोस्टेड था तब हबीबुर्रहमान से उसकी मुलाकात हुई थी। परमजीत को हबीबुर्रहमान ने पैसे का लालच देकर सेना से जुड़ी संवेदनशील और गोपनीय जानकारी देने को कहा था। वह तभी से गोपनीय दस्तावेज शेयर कर रहा था। परमजीत व्हॉट्सएप से जासूसी के दस्तावेज हबीबुर्रहमान को भेजता था। वर्तमान में परमजीत की पोस्टिंग आगरा में है।

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