Thursday, 15 July 2021
ऊपर वाले का कहर, कहीं बिजली गिरी तो कहीं बादल फटे
पूरे उत्तर भारत में मौसम कहर बनकर टूट रहा है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल और मध्यप्रदेश में रविवार और सोमवार के बीच ही बिजली गिरने की कई घटनाएं हो गईं। जिसमें करीब 73 लोगों की जान चली गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अकेले यूपी के अलग-अलग जिलों में बिजली गिरने से 41 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा 22 लोग झुलसे, जबकि 200 से ज्यादा मवेशियों की भी मौत हुई। राजस्थान में बिजली गिरने से करीब 23 लोगें की मौत हो गई। यह हादसे जयपुर, धौलपुर, कोटा, झालावाड़ जैसे इलाकों में हुए। मध्य प्रदेश में 11 लोगों की मौत हुई। मौसम विभाग ने भोपाल, ग्वालियर, होशंगाबाद, उज्जैन और इंदौर में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। पीएम मोदी ने हादसों पर दुख जताकर बिजली गिरने से जान गंवाने वालों के परिजनों को पीएम राहत राष्ट्रीय कोष से दो-दो लाख रुपए की मदद की घोषणा की। वहीं घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। लंबे इंतजार के बाद रविवार शाम को जयपुर में मानसून की पहली बारिश पड़ी तो लोग आमेर के किले में पहुंच गए। इसी दौरान शाम 7 बजे जब कुछ लोग पहाड़ियों पर बने वॉच टावर पर चढ़कर सेल्फी ले रहे थे कि अचानक आसमान से बिजली गिर गई। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उस वक्त टावर पर कम से कम दो दर्जन लोग रहे होंगे। बिजली गिरते ही अफरातफरी मच गई, लोग यहां-वहां भागने लगे। कुछ लोगें ने मौके पर ही दम तोड़ दिया तो कई लोग बेहोश होकर पहाड़ी के नीचे झाड़ियों में फंस गए। कुछ लोग भगदड़ में ऊंचाई से कूद गए। हादसे में 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। कुछ शव जंगली इलाकों से भी मिले। बिजली गिरने से कैसे होती है मौत? बिजली कई तरह से झपट्टें में ले सकती है। यह सीधे किसी पर fिगर जाए तो तुरंत मौत हो जाती है। यह तभी होता है जब कोई खुले इलाके में हो। खासकर जब वह बारिश से बचने के लिए पेड़ की शरण ले। बिजली पेड़ पर गिरकर या आसपास की किसी ऊंची चीज पर गिरकर व्यक्ति के शरीर तक पहुंचकर निकल जाती है। इससे शरीर बुरी तरह से झुलस जाता है। भारत में 25 से 31 जुलाई 2019 के बीच ही 4 लाख से ज्यादा बिजली गिरने की घटनाएं हुई हैं। हालांकि उत्तर-पूर्व और छोटा नागपुर पठार में यह हादसे ज्यादा होते हैं। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में मैकलॉडगंज से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित फागसू में रविवार सुबह बादल फट गया जिससे नाले ने भारी बारिश के कारण अपना मार्ग बदल लिया और वह चार कारों और कई मोटरसाइकिलों को बहाकर ले गया। हादसे में दो लोग लापता हैं। इस हादसे के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य के सीएम से फोन पर हालात का जायजा लिया। शिमला में भी झाकरी के पास भूस्खलन के कारण नेशनल हाइवे पर ट्रैफिक रोकना पड़ा। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो-तीन दिन और कई इलाकों में भारी बारिश जारी रहेगी। जम्मू जिले में 32 साल बाद यानि 1989 के बाद जुलाई महीने में अब तक की सबसे अधिक 150.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं उत्तराखंड में ऋषिकेश, बद्रीनाथ हाइवे, चमोली के पास बंद हो हो गया है। तीन लोगों की मौत हो गई है। अभी तक कई इलाकों में पूरी तरह मानसून आया भी नहीं है और यह हाल है। ऊपर वाला महर करे।
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