Saturday, 24 July 2021
ऑक्सीजन की कमी से मौतों पर सियासी महायुद्ध
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर केंद्र सरकार के जवाब से विपक्ष भड़क गया। इस मुद्दे को लेकर संसद में आम आदमी पार्टी विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करने की तैयारी में है। वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में तल्ख टिप्पणी की है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद ने कहा कि इस संकट काल में सरकार ने देश को अनाथ छोड़ दिया था। सरकार को पता नहीं था कि देश में क्या हो रहा है? आप इस मुद्दे पर संसद में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करेगी, वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार ने संसद में बेशर्मी से झूठ बोला है कि देश में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जांच कराएगी जिससे सच सबके सामने आ सके। केंद्र सरकार के इस महाझूठ का पर्दाफाश करते हुए सिसोदिया ने कहाöकेंद्र सरकार के नाकारापन के कारण देश में हजारों लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई। लेकिन इस पर जिम्मेदारी लेने की बजाय केंद्र सरकार बेशर्मी के साथ झूठ बोलकर अपना पल्ला झाड़ रही है, साथ ही केंद्र सरकार की ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों की पुष्टि करने वाली कमेटी को खारिज कर दिया। क्योंकि केंद्र सरकार को डर है कि यह कमेटी उनके कुप्रबंधन और बेशर्मी से बोले गए झूठ को जनता के सामने ले आएगी। वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि सरकार का जवाब बिल्कुल असत्य है। दिल्ली सहित देश की अन्य जगहों पर भी ऑक्सीजन की कमी हुई थी। प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट करके कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से इसलिए मौतें हुईं क्योंकि सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात 700 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की थी। इसके अलावा अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में कोई सक्रियता नहीं दिखाई। तेजस्वी यादव ने भी इस पूरे मामले पर एक छोटा-सा लेकिन सटीक ट्वीट करते हुए कहाöठीक बा मतलब सबने आत्महत्या की थी। शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी स्वास्थ्य मंत्री के जवाब को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के इस जवाब को सुनकर उन पर क्या गुजरी होगी, जिन्होंने अपनों को खोया है। सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। सरकार झूठ बोल रही है। राउत ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से अपने परिजनों को खो देने वाले लोगों को केंद्र सरकार को अदालत में ले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनेक राज्यों में कई लोग ऑक्सीजन की कमी से मारे गए। बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर हुई मृत्यु का कोई आंकड़ा नहीं भेजा। किसी ने यह नहीं कहा कि उनके राज्य में ऑक्सीजन की कमी को लेकर मौत हुई है। उन्होंने कहा कि सदन में मंगलवार को ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर सवाल पूछा गया था। इस पर जो जवाब मिला उसमें तीन चीजें ध्यान में रखने योग्य हैं ः पहलीöकेंद्र कहता है कि स्वास्थ्य राज्यों का विषय है। दूसरीöकेंद्र कहता है कि हम सिर्फ राज्यों के भेजे डेटा को संग्रहित करते हैं और तीसरीöहमने एक गाइडलाइन जारी की है, जिसके आधार पर राज्य अपने मौत के आंकड़ों को रिपोर्ट कर सकें। कटु सत्य तो इस पूरे विवाद में यह है कि ऑक्सीजन की कमी मृत्यु के सर्टिफिकेट में दर्ज नहीं की जाती जबकि ऑक्सीजन की कमी से हार्ट अटैक, लंग्स फेलियर इत्यादि लिखा जाता है। सरकार शब्दों के हेरफेर का फायदा उठाकर सफेद झूठ बोल रही है।
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