Wednesday, 14 July 2021

पीछे हटने की बजाय युद्धाभ्यास कर रहा है चीन

भारत ने पिछले दिनों में चीनी सीमा पर 50 हजार अतिरिक्त सैनिक तैनात कर दिए हैं। यह 1962 के युद्ध के बाद पहली बार है कि जब एलएसी पर भारतीय सैनिकों की संख्या दो लाख के करीब पहुंच गई है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि चीन ने पिछले तीन महीने में भारतीय सीमा के पास दो लाख सैनिक तैनात किए हैं। इधर ब्लूमबर्ग ने चार अलग-अलग सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत ने चीन से लगती सीमा के तीन अलग-अलग इलाकों में सैन्य टुकड़ियों के अलावा लड़ाकू विमानों की स्वॉड्रन तैनात की है। एलएसी पर भारतीय जवानों की तैनाती पिछले साल के मुकाबले 40 प्रतिशत बढ़ाई गई है। एक घाटी से दूसरी घाटी में सैनिकों को एयरलिफ्ट करने के लिए अधिक हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। इन हेलीकॉप्टरों से एम 777 होवित्जर जैसी भारी तोपें भी एयरलिफ्ट की जा सकती हैं। भारत के इस कदम के पीछे चीन की बढ़ती गतिविधियां हैं। फरवरी में समझौता हुआ था कि दोनों सेनाएं जवानों की तैनाती घटाएंगी। चीन ने ऐसा नहीं किया। उलटा सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया। इस वादाखिलाफी को देखते हुए भारत ने भी सेना बढ़ा दी। दूसरी ओर चीन ने तिब्बत की विवादित सीमा पर नई रनवे, इमारतें, लड़ाकू विमान रखने के लिए बमरोधी बंकर और नए एयरफील्ड्स बनाने शुरू कर दिए है। साथ ही लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम और दो इंजन वाले फाइटर जेट्स भी तैनात कर दिए हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लेह से लौटकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत और शीर्ष अफसरों के साथ नई स्थिति की समीक्षा की। -अनिल नरेन्द्र

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