Friday, 30 July 2021

एक फोन कॉल और आपका फोन हैक

पेगासस स्पाइवेयर कोई मैसेज या लिंक भेजे बिना ही किसी स्मार्ट फोन या अन्य स्मार्ट डिवाइस को आसानी से हैक कर लेता है। इसकी तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बस एक मिस कॉल के जरिये यह एक सैकेंड के 10वें हिस्से में ही डिवाइस हैक कर लेता है। हैकिंग की इस आधुनिक तकनीक को जीरो क्लिक एक्सप्लाइट कहते हैं। इजरायली कंपनी द्वारा बनाए गए दुनिया के इस सबसे कुख्यात सॉफ्टवेयर की कई खासियतें इसे दुनिया का नम्बर वन जासूसी बनाती हैं। पेगासस स्पाइवेयर एक तरह का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जिसका इस्तेमाल निगरानी के लिए किया जाता है। यह पहली बार वर्ष 2019 में प्रकाश में आया और आज दुनिया में सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाले जासूसी हथियार में से एक है। इसे इजरायल की सिक्यूरिटी फर्म एनएसओ ग्रुप ने निगरानी के लिए विकसित किया था जिसे केवल सरकारों को बेचा गया पर मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह का स्पाइवेयर कई हैकर समूहों के पास भी मौजूद है। कहा तो यही जाता है कि कई रहीस लोगों व समूहों ने भी इसे इस्तेमाल कर लिया है। यह तीन कामों को अंजाम देता है ः पहलाöयह स्मार्ट फोन के कैमरे और स्पीकर को ऑन करके पुराने डाटा चुराता है, दूसराöयह फोन के चोरी किए गए डाटा को तुरन्त थर्ड पार्टी को भेज देता है। इनमें पुराने मैसेज, चैट, वीडियो रिकॉर्डिंग, दस्तावेज आदि शामिल हैं, तीसराöयह जब चाहे तब आपकी कॉल या चैट को रिकॉर्ड कर सकता है। यह समझिए कि यह आपके मोबाइल की जड़ में जाकर बैठ जाता है और उसका मालिक बन जाता है। पेगासस दुनिया में सबसे अधिक बेचे जाने वाले स्पाइवेयर में से एक है, पर इकलौता नहीं है। ऐसे अन्य स्पाइवेयर में इटली के हैकिंग ग्रुप का सार सीएमए एंड्रॉयड और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी का ड्रॉपकाउत्जीय भी शामिल है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पास इसी तरह का स्पाइवेयर है जिसका नाम है लाइव स्ट्रांग। एक अन्य इजरायली कंपनी के स्पाइवेयर का नाम कैंडियन है। टोरंटो विश्वविद्यालय की सिटीजन लैब ने आरोप लगाया था कि कैंडियन के जरिये 10 देशों में 100 कार्यकर्ताओं, पत्रकारों व सरकार के आलोचकों की जासूसी करने के लिए इसे इस्तेमाल किया गया था। एनएसओ ग्रुप केवल अधिकृत सरकार के साथ काम करने का दावा करता है। पेगासस को सार्वजनिक रूप से मैक्सिको और पनामा सरकारों द्वारा उपयोग किए जाने के लिए जाना जाता है। 40 देशों में इसके 60 ग्राहक हैं। कंपनी ने कहा कि उसके 57 प्रतिशत यूजर्स इंटेलिजेंस एजेंसियों, 38 प्रतिशत कानून प्रवर्तन एजेंसियों और 11 प्रतिशत सेना से संबंधित हैं। कंपनी की वेबसाइट बताती है कि एनएसओ ग्रुप ने सरकारी एजेसिंयों को स्थानीय और वैश्विक खतरों का पता लगाने और रोकने में मदद करने के लिए इसे विकसित किया है। पेगासस स्पाइवेयर लाइसेंस के तौर पर बेचा जाता है। इसकी कीमत कांट्रेक्ट पर निर्भर करती है। एक लाइसेंस की कीमत 70 लाख रुपए हो सकती है। एक लाइसेंस से कई स्मार्ट फोन को ट्रैक किया जा सकता है। 2016 के पिछले अनुमानों के अनुसार पेगासस का उपयोग करने वाले केवल 10 लोगों की जासूसी करने के लिए, एनएसओ ग्रुप न्यूनतम करीब नौ करोड़ रुपए का चार्ज लेता है।

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