Friday, 16 July 2021
योगी की जनसंख्या नीति का विरोध
उत्तर प्रदेश विधि आयोग की ओर से तैयार किए गए जनसंख्या नियंत्रण ड्राफ्ट में सुझाव देने के लिए चार दिन में पांच हजार से अधिक ईमेल पहुंच चुके हैं। लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपने ही इस नीति के विरोध में उतर आए हैं। विश्व हिन्दू परिषद ने ड्राफ्ट के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति दर्ज कराई है। परिषद के कार्यकारी सदस्य आलोक कुमार ने विधि आयोग को पत्र लिखा है। वहीं ड्राफ्ट के विरोध में विहिप के साथ मुस्लिम शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद भी जुड़ गई है। देवबंद ने इस नीति को हर समाज के खिलाफ बताया है। उधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कह दिया है कि यह नीति कारगर नहीं है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रित कोई कानून बनाकर नहीं की जा सकती। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने आयोग को भेजे अपने पत्र में कहा कि ड्राफ्ट की वन चाइल्ड पॉलिसी से समाज में आबादी का असंतुलन पैदा होगा। सरकार को इस संबंध में सोचना चाहिए, क्योंकि यह जन्म दर को 1.7 प्रतिशत पर ले आएगी, इस पर फिर से विचार करने की जरूरत है। वहीं सोमवार को दारुल उलूम के मोहतमिम (कुलपति) मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे, उन्हें सुविधाओं से वंचित किए जाने का मतलब पैदा होने वाले बच्चों के साथ भी नाइंसाफी होगी। किसी को सुविधाओं से वंचित किया जाना कौन-सी नीति है। इधर संसद के मानसून सत्र में भाजपा सांसद जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर प्राइवेट बिल लाने की तैयारी में हैं। यह जानकारी लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय से मिली है। इसलिए आगामी सत्र जो 19 जुलाई को शुरू होने वाला है उसके हंगामेदार होने के आसार हैं। मजे की बात यह है कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण विधेयक, 2021 के प्रावधानों को राज्य विधानसभा चुनावों के लिए भी लागू कर दिया जाए तो खुद भाजपा के ही 50 प्रतिशत विधायक चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा की वेबसाइट पर कुल 397 विधायकों की प्रोफाइल अपलोड है। इनमें 304 विधायक भाजपा के हैं। इनके प्रोफाइल बताते हैं कि 152 यानि बिल्कुल आधे विधायकों के दो से ज्यादा बच्चे हैं। इनमें एक भाजपा विधायक के तो आठ बच्चे हैं। लिस्ट में किसी और विधायक के इतने ज्यादा बच्चे नहीं हैं। एक विधायक के सात बच्चे हैं। भाजपा के आठ विधायक ऐसे हैं जिनके छह-छह बच्चे हैं। वहीं 15 विधायकों के पांच, 44 विधायकों के चार, 83 विधायकों के तीन और 103 विधायकों के दो-दो बच्चे हैं। 34 विधायकों के एक-एक बच्चा है। वहीं 15 विधायकों में किसी के एक भी बच्चा नहीं है। बात यहीं खत्म नहीं होती है। गोरखपुर से लोकसभा सांसद और भोजपुरी फिल्म अभिनेता रवि किशन ने जनसंख्या नियंत्रण आयोग पर प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है। रवि किशन भी भाजपा के सांसद हैं और चार बच्चों के पिता हैं। अगर लोकसभा की बात की जाए तो लोकसभा वेबसाइट के मुताबिक 186 सांसद इस कानून के दायरे में आ जाएंगे। इनमें 105 सांसद भाजपा के हैं, जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं। इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि बढ़ती आबादी का असर विकास और अंतत लोगों के जीवन पर पड़ता है। मगर यह बेहद संवेदनशील मसला है। लिहाजा ध्यान रखना होगा कि परिवार को नियंत्रित करने के लिए लोग खुद प्रेरित हों।
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