Friday, 9 July 2021
विदेशी फंडिंग और मतांतरण
अवैध तरीके से मतांतरण कराने के लिए उमर गौतम का गिरोह पूरे देश में सक्रिय था और इसके लिए बड़ी मात्रा में विदेश से फंडिंग हो रही थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों में इसका ठोस सुबूत और अहम दस्तावेज मिले हैं। संगठित रूप से अवैध मतांतरण कराने के मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने के बाद ईडी ने शनिवार को दिल्ली और उत्तर प्रदेश में छह ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आरोपित उमर गौतम, उसके सहयोगी मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी के घरों के साथ-साथ इस्लामिक दावा सेंटर अल हसन एजुकेन एंड वेलफेयर फाउंडेशन और गाइडेंस एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी पर छापे मारे गए। इनमें उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी का घर और इस्लामिक दावा सेंटर का कार्यालय दिल्ली के जामिया नगर में स्थित है। वहीं अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन के दफ्तर नोएडा और लखनऊ में स्थित हैं। ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छापों में बड़े पैमाने पर अवैध मतांतरण कराने और इसके लिए विदेश से बड़ी मात्रा में फंडिंग से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। उमर गौतम और उससे जुड़े संगठन और यूपी में ही नहीं बल्कि देश में अवैध मतांतरण कराने में सक्रिय थे। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि छापे में उन लोगों के नाम भी मिले हैं, जिनका अवैध मतांतरण कराया गया था। साथ ही पूरे देश में उमर गौतम के अवैध मतांतरण के नेटवर्क के बारे में अहम जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि उमर गौतम और उससे जुड़े संगठनों को विदेश से करोड़ों रुपए की फंडिंग मिली थी, जिनका उपयोग अवैध मतांतरण के लिए किया गया। ईडी अवैध मतांतरण के मामले में उत्तर प्रदेश एटीएस की एफआईआर के आधार पर मनी लांड्रिंग की जांच कर रहा है।
-अनिल नरेन्द्र
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