Tuesday, 6 July 2021

फ्रांस ने राफेल डील की जांच के दिए आदेश

फ्रांस ने भारत के साथ वर्ष 2016 में हुए अरबों डॉलर के विवादित राफेल फाइटर जेट डील के जांच के आदेश दिए हैं। देश के नेशनल फाइनेंशियल प्रॉसिक्यूटर्स ऑफिस ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। इसके लिए एक जज की नियुक्ति के आदेश दिए गए हैं। करीब 9.3 अरब डॉलर के इस समझौते के तहत भारत को 36 फाइटर जेट दिए जाने हैं। यह समझौता भारत सरकार और फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट के बीच हुआ था और इसमें लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपनी जांच में इन आरोपों में कोई दम नहीं पाया था। इससे पहले नेशनल फाइनेंशियल प्रॉसिक्यूटर्स ने राफेल सौदे की जांच करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद फ्रांसीसी खोजी वेबसाइट मीडिया पार्ट ने इस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसने कहा कि फ्रांसीसी जांच एजेंसी राफेल डील को लेकर जारी संदेहों को दबाना चाहती है। इससे पहले अप्रैल महीने में मीडिया पार्ट ने दावा किया था कि राफेल डील में मदद करने वाले लोगों को छिपाकर करोड़ों रुपए की दलाली दी गई। अनिल अंबानी वाली कंपनी रिलायंस विवादों के घेरे में है। मीडिया पार्ट ने कहा कि इस दलाली में से कुछ हिस्सा घूस के रूप में भारतीय अधिकारियों को दिया गया। दसॉल्ट ने इन आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि राफेल डील में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है। भारत में भी केंद्र की मोदी सरकार ने इस सौदे में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार का लगातार खंडन किया है। इन खबरों के बाद फ्रांस के एनजीओ शेरपा ने भष्ष्टाचार के संबंध में एक आधिकारिक शिकायत कराई थी। इस पूरी डील में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस विवादों के घेरे में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई बार रिलायंस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। फ्रांसीसी कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर से राफेल का जिन्न बाहर आ गया है। -अनिल नरेन्द्र

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