Tuesday, 6 July 2021

महामारी में सियासी रैलियां रोकें, वरना हम रोकेंगे

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा कि महामारी में राजनीतिक रैलियों पर तत्काल रोक लगाइए। अगर सरकार इन्हें रोक नहीं पा रही तो बताएं, कोर्ट को यह करना पड़ेगा। प्रदेश में महामारी नियंत्रण के लिए बिना प्रोटोकॉल तोड़ते हुए हो रहीं इन रैलियों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी ने यह भी पूछा कि इस प्रकार के आयोजन की अनुमति क्यों दी जा रही है? महीने पहले ही नवी मुंबई में एक एयरपोर्ट के नामांकरण पर राजनीतिक रैली की गई। अगर प्रदेश सरकार इन्हें रोक नहीं पा रही तो कोर्ट को ही हस्तक्षेप करना होगा। यह रैली एयरपोर्ट का नामांकरण शिवसेना के प्रमुख नेता बाल ठाकरे की जगह दूसरे नेता डीबी पाटिल के नाम पर करवाने के लिए की गई थी। हाई कोर्ट ने कहा कि एक ओर अदालतें बंद की जा रही हैं, कार्यालय अपनी पूरी क्षमता से नहीं चल रहे। इसके बावजूद नेता रैलियां कर रहे हैं। अभी तो एयरपोर्ट बना भी नहीं और राजनीतिक फायदे के लिए रैलियां हो रही हैं। हमें लगा कि पांच हजार लोग आए होंगे। लेकिन बताया जा रहा है कि 25 हजार लोग शामिल थे। क्या इन रैलियों से मिलने वाला सियासी फायदा महामारी रोकने से ज्यादा महत्वपूर्ण है?

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