Sunday, 4 July 2021

गुलशन कुमार हत्याकांड

बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को 1997 में संगीतकार गुलशन कुमार हत्याकांड में फिल्म निर्माता एवं टिप्स इंडस्ट्रीज के सह-संस्थापक रमेश तौरानी को बरी करने का निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा, साथ ही न्यायालय ने इस हत्याकांड में अब्दुल रऊफ मर्चेंट को दोषी ठहराने और उसे आजीवन कारावास की सजा देने के अदालत के फैसले की भी पुष्टि की। न्यायमूर्ति एसएस जाधव और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने मामले में अन्य आरोपी रऊफ के भाई रशीद मर्चेंट को बरी किए जाने की निचली अदालत का फैसला निरस्त कर दिया। पीठ ने इस मामले में अब्दुल रशीद मर्चेंट को भी दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कैसेट किंग के नाम से मशहूर गुलशन कुमार की अगस्त 1997 में उपनगर अंधेरी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार उसके प्रतिद्वंद्वियों ने उन्हें रास्ते से हटाने के लिए बदमाश अबू सलेम को सुपारी दी थी। सत्र अदालत ने 29 अप्रैल 2002 को 19 में से 18 आरोपियों को बरी कर दिया था। निचली अदालत ने अब्दुल रऊफ मर्चेंट को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 120 (बी), 392 तथा 397 और भारतीय शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत दोषी ठहराया था। रऊफ ने दोषी ठहराने जाने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जबकि राज्य सरकार ने तौरानी को बरी करने के खिलाफ अपील दायर की थी। हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी और तौरानी को बरी करने का फैसला बरकरार रखा। पीठ ने हालांकि राऊफ की दोषसिद्धि और उस पर लगाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा, लेकिन धारा 392 और 397 के तहत उसकी सजा को रद्द कर दिया। पीठ ने आदेश में कहाöअब्दुल रशीद मर्चेंट को बरी किए जाने के फैसले को रद्द किया जाता है। रशीद को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और भारतीय शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत दोषी ठहराया जाता है और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है। उसे डीएन नगर थाने में आत्म समर्पण करने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कैसेट किंग गुलशन कुमार की हत्या ने बॉलीवुड में तहलका मचा दिया था। उनके सुबह मंदिर में जाने के साथ ही उनके पीछे शूटर लग गए थे और बड़ी निर्मम हत्या की थी। कुछ साजिशकर्ता तो भाग गए थे कुछ काबू आ गए।

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