Thursday, 25 March 2021

महाराष्ट्र की लड़ाई संसद से सुप्रीम कोर्ट पहुंची

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट की आंच सोमवार को संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई। मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच केन्द्राrय एजेंसियों से कराने और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर लोकसभा में भाजपा के सांसद मुखर रहे। मामले की जांच सीबीआई से कराने और उनके तबादले को रद्द करने की अपील लेकर परमबीर सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। उधर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने साफ कर दिया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख इस्तीफा नहीं देंगे, उन पर लगे आरोप गलत हैं। परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा कि 100 करोड़ रुपए उगाही करने के तथ्य वाली बात उन्होंने मुख्यमंत्री को भी बताई थी। कुछ दिन बाद ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया। परमबीर सिंह ने अपने ट्रांसफर के आदेश को भी चुनौती दी है। ट्रांसफर पोस्टिंग पर अफसर रश्मि शुक्ला की fिरपोर्ट की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने आरोपों की जल्द निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच के निर्देश दिए जाने की अपील की। परमबीर ने आरोप लगाया, सांसद मोहन डेलकर खुदकुशी मामले में देशमुख भाजपा नेताओं को फंसाने के लिए दबाव डाल रहे थे। परमबीर ने याचिका से जुड़े सुबूत भी कोर्ट को सौंपे हैं। उन्होंने दावा किया कि तत्काल सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए तो देशमुख के आवास के सीसीटीवी फुटेज नष्ट कर दिए जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया, देशमुख ने फरवरी में आला असफरों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई के सचिन वाजे व समाज सेवा शाखा के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की और हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य दिया था। परमबीर का आरोप है कि देशमुख पुलिस कार्यों में बेजा दखल देते थे, हालांकि वह दबाव में नहीं आए। परमबीर ने सोमवार को होमगार्ड के डीजी का पद संभाल लिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने अपना तबादला निरस्त करने की भी गुहार लगाई। उन्होंने कहा दो वर्ष का न्यूनतम निर्धारित कार्यकाल पूरा होने के पहले ही तबादला मनमाने और गैर कानूनी तरीके से किया गया। संसद में वाजे का मामला उठाने पर महिला सांसद को शिवसेना सांसद ने तेजाब से हमले की धमकी तक दे दी। महाराष्ट्र के अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर शिवसेना सांसद अरविंद सावंत पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा सावंत ने मुझे संसद परिसर में धमकी दी थी कि ठाकरे सरकार के खिलाफ कुछ भी बोला या सचिन वाजे का मामला उठाया तो ठीक नहीं होगा। सावंत ने तथाकथित कहा तू महाराष्ट्र में कैसे घूमती है, मैं देखता हूं और तुझे भी जेल में डालवा दूंगा। यही नहीं सावंत ने तेजाब हमला कराने की भी धमकी दी। उधर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को प्रेस कांप्रेंस कर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का बचाव किया। उन्होंने कहा, संक्रमण के चलते 5 से 15 फरवरी तक देशमुख नागपुर के अस्पताल में भर्ती थे। उसके बाद 27 फरवरी तक होम आइसोलेशन में थे। उन्होंने कहा, मुझे रविवार को यह नहीं पता था कि देशमुख अस्पताल में थे। जाहिर है कि फरवरी में देशमुख और सचिन वाजे के बीच बातचीत के आरोप गलत हैं। देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। इससे पहले रविवार को पवार ने कहा था कि आरोप गंभीर हैं। देशमुख के इस्तीफे का फैसला सीएम ही लेंगे। पवार ने कहा कि भाजपा की इस मांग में कोई तुक नहीं है कि आरोपों की जांच होने तक देशमुख को इस्तीफा दे देना चाहिए। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्य मामला उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक कार से विस्फोटक सामग्री मिलने से जुड़ा है। मेरा मानना है कि मुंबई एटीएस सही दिशा में जा रही है।

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