Saturday, 27 March 2021
गोलीबारी से 10 लोगों की मौत, सात दिन में सातवीं घटना
अमेरिका के कोलोराडो के बोल्डर शहर में सोमवार को एक बंदूकधारी ने अंधाधुंध फायरिंग की। ग्रोसरी सुपर मार्केट में हुई इस गोलीबारी की घटना में एक लोकल पुलिस अफसर सहित 10 लोगों की मौत हुई है। पुलिस ने एक संदिग्ध व्यक्ति को घायल अवस्था में गिरफ्तार किया है। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के मुताबिक अभी घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है। करीब तीन साल पहले कोलोराडो में ही हुई फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक महिला जख्मी हुई थीं। बीते सात दिन में अमेरिका में गोलीबारी (मास शूटिंग) की सात घटनाएं अमेरिका में हो चुकी हैं। 16 मार्च को एटलांटा में एशियाई मूल के लोगों के स्पा सेंटर पर गोलीबारी की तीन घटनाएं एक साथ हुई थीं। इसमें छह कोरियाई लोगों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। फिर 17 मार्च को कैलीफोर्निया में सिक्योरिटी जॉब पर जा रहे पांच लोगों पर गोलीबारी हुई। हालांकि किसी की जान नहीं गई। 22 मार्च को डलास में आठ लोगों पर और 20 मार्च के ह्यूस्टन व फिलाडेल्फिया में भी गोलीबारी हुई। इनमें एक की मौत हो गई और पांच अस्पताल में हैं। अमेरिका प्रति व्यक्ति बंदूक के मामले में औसत के हिसाब से दुनिया में नम्बर वन है। वहां हर 100 लोगों के पास 120 बंदूकें हैं। यह दूसरे नम्बर के देश यमन की तुलना में दोगुनी है। पिछले साल अमेरिका में हैंडगन और राइफल समेत 2.1 करोड़ बंदूकें बिकीं। यह 2019 की तुलना में 60 प्रतिशत ज्यादा है। 2016 में 1.6 करोड़ बंदूकों की बिक्री का रिकॉर्ड था। अमेरिका में हर साल गोलीबारी की घटनाओं में हजारों लोगों की जान जाती है। साल 2019 में 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। कोरोना के बाद अमेरिका में नस्लीय हमले भी तेज हो गए हैं। पुलिस के हाथों जॉर्ज फ्लॉयड की मौत और उसके बाद ब्लैक लाइव मैटर आंदोलन से स्थिति और तनावपूर्ण हुई है। जिन लोगों ने 2020 में पहली बार बंदूकें खरीदी हैं, उनमें ज्यादातर अश्वेत और महिलाएं हैं। बंदूक वहां बिकीं, जहां अश्वेत ज्यादा हैं और उन पर हमले अधिक हुए। अमेरिका के इस गन कल्चर ने आम अमेरिकियों की जिंदगी तबाह कर दी है। किसी को नहीं पता कि कब कौन सिरफिरा गोलीबारी कर दे। गोलीबारी करने वाले भी अधिकतर ऐसे स्थानों को चुनते हैं जहां भीड़ ज्यादा होने की संभावना होती है। राष्ट्रपति जो बिडेन के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती है इस गन कल्चर पर अंकुश लगाना। मुश्किल यह है कि अमेरिका में गन बनाने वाली कंपनियों की लॉबी इतनी मजबूत है कि जब भी बंदूकों की सेल पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास होता है, यह ऐसे कानून को संसद से पास ही नहीं होने देते। मुझे याद है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस पर अंकुश लगाने का प्रयास किया था पर अमेरिकन गन लॉबी ने उन्हें सफल नहीं होने दिया। देखना अब यह है कि राष्ट्रपति जो बिडेन इस ज्वलंत समस्या पर हाथ डालते हैं या नहीं?
-अनिल नरेन्द्र
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment