Wednesday, 31 March 2021

स्वेज नगर में फंसे पोत को निकालना चुनौती है

मिस्र की स्वेज नहर में फंसे 400 मीटर लंबे मालवाहक पोत (द एवर ग्रीन कंटेनर शिप) को निकालने के लिए लगातार एक हफ्ते से कोशिश जारी है। अधिकारियों ने कहा कि 2.20 लाख टन वजनी पोत को निकालने में कई हफ्ते लग सकते हैं। इस मालवाहक जहाज के अटकने के पीछे तकनीकी या मानवीय त्रुटि भी हो सकती है। स्वेज नहर प्राधिकरण के प्रमुख ओसामा रैबी ने शनिवार को यह बात कही। कंटेनर शिप के फंसने से स्वेज नहर से एक हफ्ते से आवागमन बंद है। 320 से अधिक जहाज इस जलमार्ग से निकलने का इंतजार कर रहे हैं। मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली ने घटना को अप्रत्याशित बताया है। प्रेस कांफ्रेंस में ओसामा रैबी से यह पूछे जाने पर कि कब तक इसको निकाल लिया जाएगा, रैबी ने कहा कि यह इस पर निर्भर करता है कि जहाज पर हवा का क्या प्रभाव पड़ता है। इस अभियान में 10 शक्तिशाली नौकाओं की मदद ली जा रही है। जहाज के बड़े आकार और उस पर बड़ी संख्या में कंटेनर लदे होने से परेशानी आ रही है। ज्वार आने के बाद पानी का स्तर कम होने पर निकालने की योजना बनाई गई है। स्वेज नहर बंद होने से मिस्र को प्रतिदिन करीब एक अरब रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। अमेरिका की बिडेन सरकार ने मिस्र को मदद की पेशकश करते हुए कहा है कि उसके पास इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए न केवल क्षमता है बल्कि जरूरी उपकरण भी हैं, जो दूसरे देशों के पास नहीं हैं। नीदरलैंड की कंपनी बोस कलिस को भी जहाज निकालने में लगाया गया है। बता दें कि इस जहाज की लंबाई 1300 फुट या फुटबॉल के चार मैदान के बराबर है। बता दें कि स्वेज नहर भू-मध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है। इस मार्ग के जरिये एशिया और अफ्रीका घूमकर यूरोप नहीं जाने की जरूरत है। अगर शिप को जल्द न हटाया गया तो तेल-गैस का नया संकट खड़ा हो जाएगा। -अनिल नरेन्द्र

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