Saturday, 6 March 2021

नोटबंदी से बेरोजगारी चरम पर है

जाने-माने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह वैसे तो बहुत कम बोलते हैं पर जब बोलते हैं तो उनकी बातों को बड़े ध्यान से सुना जाता है। आर्थिक विषयों के थिंक टैंक राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज द्वारा डिजिटल माध्यम से आयोजित एक विकास सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए डॉ. सिंह ने कई बातें कहीं। डॉ. मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि 2016 में भाजपा द्वारा बगैर सोच-विचार के लिए गए नोटबंदी के फैसले के चलते देश में बेरोजगारी चरम पर है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है। उन्होंने राज्यों से नियमित रूप से परामर्श नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की। डॉ. सिंह ने कहा कि बढ़ते वित्तीय संकट को छिपाने के लिए भारत सरकार और रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किए गए अस्थायी उपाय के चलते आसन्न कर्ज संकट से छोटे और मझौले (उद्योग) क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं और इस स्थिति की हम अनदेखी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने प्रतीक्षा-2030 में कहाöबेरोजगारी चरम पर है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल। यह संकट 2016 में बगैर सोच-विचार के लिए गए नोटबंदी के फैसले के चलते पैदा हुआ है। सम्मेलन का आयोजन एक दृष्टि पत्र पेश करने के लिए किया गया, जो केरल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के विकास पर विचारों का एक प्रारूप है। सिंह ने कहा कि केरल और कई अन्य राज्यों में लोक वित्त अव्यवस्थित हैं, जिसके चलते राज्यों को अत्याधिक मात्रा में कर्ज लेना पड़ा है और इससे भविष्य के बजट पर असहनीय बोझ बढ़ गया है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहाöसंघवाद और राज्यों के साथ नियमित परामर्श भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीतिक दर्शन का आधार स्तम्भ है, जो संविधान में निहित है, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार ने इससे मुंह मोड़ लिया है। सिंह ने कहा कि हालांकि केरल के सामाजिक मानदंड उच्च हैं, लेकिन ऐसे अन्य क्षेत्र भी हैं जिन पर भविष्य में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहाöआगे कई अड़चनें हैं, जिन्हें राज्य को पार करना होगा। पिछले दो-तीन साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती (कोविड-19) महामारी के चलते और बढ़ गई है, जिसका केरल पर भी प्रभाव पड़ा है। तिरुवंनतपुरम में बोलते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि डिजिटल माध्यमों का उपयोग बढ़ने से आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) क्षेत्र अपनी रफ्तार कायम रख सकता है, लेकिन पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और केरल में महामारी ने इस क्षेत्र (पर्यटन) को काफी प्रभावित किया है। सिंह ने कहा कि प्रवासियों द्वारा भेजी गई राशि से देश में विदेशी मुद्रा के प्रवाह में वृद्धि हुई है, जिसके चलते रियल स्टेट क्षेत्र में उछाल आया और सेवा क्षेत्र में तीव्र वृद्धि हुई। पूर्व प्रधानमंत्री ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र में न्याय जैसे विचार शामिल करने को लेकर केरल की कांग्रेस नीत यूडीएफ के फैसले की सराहना की।

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