Friday, 5 March 2021
चीन की बड़ी साजिश का यह छोटा-सा संकेत था
पिछले साल मई-जून में लद्दाख सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव चरम पर था। चीन की सेना ने भारत की सीमा में काफी अंदर तक घुसपैठ की थी। भारत के सैनिक उसके मुकाबले में अहम सामरिक ठिकानों पर पोजीशन ले चुके थे। तभी 14-15 जून को दरम्यानी रात चीनी सैनिकों ने गलवान में धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया। दोनों तरफ बिना गोली चलाए हुए संघर्ष में भारत के 21 सैनिक शहीद हुए। चीन हालांकि मानता नहीं पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के हिसाब से मारे गए चीनी सैनिकों की तादाद 35-40 के करीब थी। फिर इसके चार महीने बाद 12 अक्तूबर 2020 की सुबह 10 बजे के करीब भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में ब्लैकआउट हो जाता है। कुछेक घंटे तक मुंबई में ट्रेनें, स्टॉक मार्केट आदि सब ठप हो गए। कोरोना से मुकाबला कर रहे अस्पतालों को जेनेरेटरों की मदद लेनी पड़ी ताकि वेंटिलेर्ट्स चलते रहें। मरीजों की जान खतरे में न पड़े। मुंबई में रहने वाले करीब दो करोड़ लोग इस दौरान अस्तव्यस्त रहे। इन दोनों घटनाओं में यूं तो कोई संबंध नहीं लगता लेकिन अमेरिकी साइबर सिक्यूरिटी कंपनी रिकॉर्ड फ्यूचर के मुताबिक इन दोनों घटनाओं का आपस में संबंध था। इस कंपनी के साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक चीन ने गलवान के बदले के रूप में अपने हैकरों की मदद से मुंबई में बिजली आपूर्ति ठप कराई थी। अपनी क्षमताओं के प्रदर्शन के लिए की गई चीन की बड़ी साजिश का छोटा-सा संकेत था। साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक चीन भारत को यह संकेत देना चाहता था कि वह भारत के किसी भी बड़े सिस्टम पर साइबर हमला कराकर उसे ठप कर सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुंबई में बिजली आपूर्ति ठप करने के लिए चीनी हैकरों ने उस कंट्रोल सिस्टम में घुसपैठ की थी, जो पूरे भारत में विद्युत आपूर्ति का प्रबंधन करता है। चीन ने इसके लिए किसी रेड इकोनॉमी की फर्म से मदद भी ली थी। चीनी हैकरों की साजिश मुंबई ही नहीं, बल्कि पूरे देश में कुछ देर के लिए बिजली आपूर्ति ठप करने की थी। रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई की घटना के बाद भारतीय अधिकारियों ने चीनी साइबर हमले की आशंका जताई थी। उन्होंने कुछ दिनों तक इसकी जांच भी की। बाद में जांच ठंडे बस्ते में चली गई। इस बार साइबर विशेषज्ञ रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा का कहना है कि मुंबई की घटना से चीन इस बात की ओर इशारा करना चाहता था कि संकट के समय वह कुछ भी कर सकता है। यह चीन की धमकी की तरह था। रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा कि अधिकांश हमले और मॉलवेयर का कमांड और कंट्रोल सिस्टम सर्वर चीन में मिला है। सीमा पर हुई झड़पों के तुरन्त बाद हमने रोजाना 10 हजार साइबर हमले के प्रयासों को ऑब्जर्व किया। फिलहाल यह थोड़ा कम हुआ है, लेकिन हमें सतर्प रहना होगा। संभावित साइबर हमलों और संवदेनशील सरकारी वेबसाइट्स और पोर्टल्स के सुरक्षा पहलुओं पर एक रिपोर्ट इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम को दी गई है।
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