Tuesday 2 March 2021

कोकेन बनाम कोयला

कोयला और कोकेन में क्या समानता है? इस सवाल का सीधा जवाब है... कुछ नहीं। सिवाय इसके कि दोनों के नाम तीन अक्षर के हैं और `क' से शुरू होते हैं। लेकिन अगर पश्चिम बंगाल की राजनीति के सन्दर्भ में है तो इस सवाल का जवाब काफी पेचीदा है। विधानसभा चुनावों से ऐन पहले यह दोनों नाम सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और सत्ता की सबसे बड़ी दावेदार होने का दावा कर रही भाजपा के लिए प्रमुख हथियार बन चुके हैं। इस मुद्दे पर दोनों पार्टियां एक-दूसरे को कठघरे में खड़ा करने में जुट गई हैं। किसके दावों में कितना दम है, इसका खुलासा तो लंबी जांच प्रक्रिया के पूरे होने के बाद ही हो पाएगा। लेकिन इन दोनों घटनाओं की टाइमिंग कुछ सवाल और संदेह जरूर पैदा करती हैं। कोलकाता पुलिस ने एक विश्वसनीय सूचना के आधार पर बीते दिनों न्यू अलीपुर से भाजपा के युवा मोर्चा की नेता और मॉडलिंग से जुड़ी रहीं पामेला गोस्वामी और उनके सहयोगी प्रदीप कुमार डे को करीब 10 लाख रुपए की कोकेन के साथ गिरफ्तार किया था। उसके ठीक तीन दिन के बाद कोयले के अवैध खनन और बिक्री के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी से पूछताछ की और नोटिस थमाने उनके घर पहुंच गई। पामेला के बयान के आधार पर मंगलवार देर रात पश्चिम बंगाल से बाहर भागने की कोशिश कर रहे भाजपा नेता राकेश सिंह को भी वर्द्धवान से गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले दिन में उनके घर पहुंची पुलिस ने कामकाज में बाधा पहुंचाने के आरोप में राकेश के दोनों पुत्रों सोहम और साहेब सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को ही हाई कोर्ट ने राकेश सिंह की एक याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने इस मामले में पुलिसिया कार्रवाई रोकने की अपील की थी। इन दोनों मुद्दों पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार तेज हो रहा है। अपने नेताओं की नशीली दवाओं की तस्करी और बिक्री के मामले में गिरफ्तारी से भाजपा बैकफुट पर है। हालांकि पार्टी के नेता इसे राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं। दूसरी ओर सीबीआई ने कोयला मामले में मंगलवार को अभिषेक की पत्नी रुजिरा से करीब एक घंटे तक पूछताछ की है। लेकिन जांच एजेंसी के अधिकारी उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं हैं। इसलिए उनसे दोबारा पूछताछ के आसार हैं। पामेला को उनके एक मित्र प्रवीर कुमार और उनके (पामेला के) निजी सुरक्षा गार्ड के साथ शुक्रवार को कोलकाता के न्यू अलीपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक पामेला के बैग में और कार में 10 लाख की कीमत की 90 ग्राम कोकेन बरामद की गई थी। पामेला ने शनिवार को एक स्थानीय अदालत में सुनवाई के दौरान दावा किया कि उन्हें उनकी पार्टी के ही नेता राकेश सिंह ने फंसाया है। पामेला ने कहा कि राकेश सिंह ने ही अपने आदमियों से कोकेन उनकी कार में रखवा दी थी। उन्होंने मामले की जांच सीआईडी से कराने की मांग की। टीएमसी ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम भाजपा का असली चेहरा दिखाता है। पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी के मुताबिक इससे पहले भाजपा की एक नेता बच्चों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार हुई थीं। अब यह दूसरी नेता ड्रग्स मामले में गिरफ्तार हुई हैं। इससे साफ होता है कि भाजपा और उनके नेताओं का असली चेहरा क्या है? लेकिन भाजपा इसे राजनीतिक साजिश और बदले की राजनीति करार दे रही है। भाजपा की प्रदेश समिति के सदस्य राकेश सिंह ने अपनी गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों से कहा कि सत्तारूढ़ टीएमसी और कोलकाता पुलिस उनके खिलाफ साजिश रच रही हैं। उन्होंने पामेला को सिखा-पढ़ा दिया है। सिंह का दावा है कि वह एक साल से अधिक समय से पामेला के सम्पर्प में नहीं थे और इसके लिए वह किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं। पश्चिम बंगाल के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने मंगलवार को राकेश की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि राकेश कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है और उनके खिलाफ 56 आपराधिक मामले दायर हैं। अब देखना यह है कि चुनाव में कोकेन भारी पड़ती है या कोयला?

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