Wednesday, 24 March 2021

ईवीएम में चुनाव चिन्ह की जगह उम्मीदवार की फोटो हो

सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार के अटार्नी जनरल और महान्यायवादी से शुक्रवार को उस जनहित याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें इलैक्ट्रॉनिक मशीन में मतपत्र से चुनाव चिन्ह हटाकर उसके स्थान पर उम्मीदवार का नाम, उम्र, शैक्षिक योग्यता और फोटो डाले जाने के लिए निर्वाचन आयोग को आदेश दिए जाने का अनुरोध किया गया है। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविन्द बोबड़े, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामा सुब्रह्मण्यम की पीठ ने केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को कोई नोटिस जारी किए बिना याचिकाकर्ता भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय को उनकी याचिका की एक प्रति अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल व महान्यायवादी तुषार मेहता को देने के लिए कहा। पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए अगले हफ्ते सूचीबद्ध करते हुए कहाöआप एजी और एसजी को याचिका की प्रतियां दे दें। फिलहाल हम कोई नोटिस जारी नहीं कर रहे। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने उपाध्याय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह से यह जानना चाहा कि ईवीएम में चुनाव चिन्ह रखे जाने पर क्या आपत्तियां हैं? सिंह ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है लेकिन उसका जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता इसलिए ईवीएम में चुनाव चिन्ह के बजाय उम्मीदवार का ब्यौरा चाहते हैं ताकि यह पता चल सके कि उम्मीदवार कितना लोकप्रिय है, शिक्षित है। सिंह से यह भी कहा कि उन्होंने ब्राजील की व्यवस्था का अध्ययन किया है। जहां चुनाव चिन्ह पर नहीं बल्कि उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अंक दिए जाते हैं। पीठ ने सिंह से पूछा कि चुनाव चिन्ह किस तरह इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रक्रिया को प्रभावित करता है? इस पर सिंह ने कहा कि इस बारे में वह अगली सुनवाई में बताएंगे। याचिकाकर्ता उपाध्याय ने यह घोषणा करने का आदेश देने की मांग की है कि ईवीएम में पार्टी के चिन्ह का इस्तेमाल अवैध, असंवैधानिक और संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार के खात्मे और राजनीतिक अपराधीकरण समाप्त करने का बेहतरीन तरीका ईवीएम से राजनीतिक दल का चिन्ह हटाना और उसकी जगह उम्मीदवार का नाम, उम्र, शैक्षिक योग्यता और उम्मीदवार का फोटो डालना है। -अनिल नरेन्द्र

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