Wednesday, 24 March 2021
सचिन वाजे के असली आका व पूरी साजिश का खुलासा जल्द
देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से लदी मिली स्कॉर्पियो के मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस का अधिकारी सचिन वाजे के बजाय कोई अन्य आदमी असली आका है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जुड़े एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा कि पूरा मामला हल किया जा चुका है। वाजे एक अन्य खिलाड़ी से निर्देश लेता था। जल्द ही पूरी साजिश का सार्वजनिक खुलासा कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि एनआईए के इस दावे के बाद ही मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के तबादले की पूरी पटकथा लिखी गई। जांच से जुड़े लोगों के मुताबिक 13 मार्च को गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सचिन वाजे ने एनआईए अधिकारियों से कहा था कि वह इस पूरे मामले में अपनी पुरानी प्रसिद्धि और नाम हासिल करने के लिए किसी दूसरे के कहने पर जुड़ा था। एनआईए अधिकारियों का कहना है कि इस आधार पर जांच करने के बाद वाजे की बात की पुष्टि हो रही है। हालांकि एनआईए अधिकारियों ने यह नहीं कहा कि यह अन्य व्यक्ति पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह हैं, लेकिन पुलिस महकमे में वाजे के सिर पर परमबीर का हाथ होने की चर्चा आम है। माना जाता है कि परमबीर का संरक्षण होने के चलते ही वाजे का लहजा डीसीपी स्तर के अधिकारी से बात करते समय भी दबंग जैसा रहता था। इसी कारण माना जा रहा है कि आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद अब एनआईए की टीम किसी भी वक्त परमबीर सिंह से भी पूछताछ कर सकती है। एनआईए अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि अंबानी के घर के करीब विस्फोटों से लदी कार के करीब सीसीटीवी फुटेज में पीपीई किट में दिखे व्यक्ति के सचिन वाजे होने की संभावना लग रही है। हालांकि पुष्टि नहीं हो सकी है। यह दावा मंगलवार को जब्त की गई काली मर्सिडीज कार की तलाशी के बाद किया। कार में से पांच लाख रुपए नकद, नोट गिनने की मशीन, दो नम्बर प्लेट, कुछ कपड़े और कैरोसीन तेल से भरी बोतल मिली थी। एनआईए अधिकारियों का मानना है कि पीपीई किट के नीचे कुर्ता-पायजामा पहना गया था। यह कपड़े जलाकर सूबूत मिटाने के लिए ही कैरोसीन तेल का इस्तेमाल किया गया। वाजे के कैबिन से मिले लैपटॉप में भी सारा डाटा डिलीट कर दिया गया था और उसने अपना मोबाइल भी सुबूत मिटाने के लिए कहीं फेंक दिया था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फड़नवीस ने जांच में एनआईए और एटीएस, दोनों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे खेल का असली आका कोई और ही है। उन्होंने मौजूदा मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का भी हाथ सचिन वाजे के सिर पर होने का दावा किया है। मुंबई के पुलिस आयुक्त के तबादले के बाद फड़नवीस ने मीडिया से कहाöएनआईए को मनसुख हिरेन की भी मौत की जांच करनी चाहिए। एनआईए की जांच महज वाजे तक सीमित है, जबकि साफ दिखता है कि असली आका कोई और ही है। वास्तव में इस घटना से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन वाली राज्य सरकार की छवि को धक्का लगा है, जिसने भाजपा को एक बड़ा सियासी मुद्दा दे दिया है। बहरहाल एनआईए के साथ मुंबई पुलिस की अब जिम्मेदारी है कि वह इस मामले से जुड़ी जांच को जल्द से जल्द उसके तार्किक परिणाम तक पहुंचाए।
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