Saturday, 6 March 2021
कंगना रनौत पहुंचीं सुप्रीम कोर्ट
फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल ने मुंबई से लेकर शिमला तक की विभिन्न अदालतों में अपने खिलाफ दायर आपराधिक मामलों को स्थानांतरित करने के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। मुंबई की एक अदालत की तरफ से कंगना के खिलाफ सोमवार को जमानती वारंट जारी किए जाने के अगले ही दिन कंगना ने यह कदम उठाया। मुंबई की अदालत ने यह वारंट संगीतकार व गीतकार जावेद अख्तर के एक मामले में अदालत में हाजिर न होने पर जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट में कंगना और उसकी बहन ने दलील दी है कि अगर मुकदमा मुंबई में चलेगा तो वहां उनकी जान को खतरा हो सकता है। क्योंकि शिवसेना के नेता उनसे निजी खुन्नस रखते हैं। याचिका में महाराष्ट्र की शिवसेना वाली सरकार पर भी कंगना ने अपना उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। याचिका में शिवसेना नेता संजय राउत के बयान का भी जिक्र किया गया है जिसमें उन्होंने कथित रूप से कंगना को हरामखोर लड़की कहा था। याचिका में मुंबई नगर निगम द्वारा पाली हिल स्थित अपने बंगले का कुछ हिस्सा तोड़े जाने की कार्रवाई को भी आधार बनाया गया है। कंगना के वकील नीरज शेखर ने मुंबई में चल रहे तीनों मुकदमों को शिमला की अदालत में स्थानांतरित करने की फरियाद की है। जावेद अख्तर ने कंगना द्वारा एक इंटरव्यू में निराधार और अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कंगना के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है। जिसमें अंधेरी के महानगर मजिस्ट्रेट ने एक फरवरी को समन जारी कर कंगना को एक मार्च को अपनी अदालत में पेश होने का आदेश दिया था। लेकिन कंगना पेश नहीं हुईं। लिहाजा मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए मामले की सुनवाई की अगली तारीख 26 मार्च कर दी। उधर लेखक-गीतकार जावेद अख्तार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर कर अनुरोध किया है कि बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली के खिलाफ मुंबई में लंबित मामलों को शिमला की अदालत में स्थानांतरित करने की उनकी याचिका पर सुनवाई से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। कैविएट किसी वादी द्वारा हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में यह सुनिश्चित करने के लिए डाली जाती है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई विपरीत आदेश पारित नहीं किया जाए।
-अनिल नरेन्द्र
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