Thursday, 4 March 2021

जी-23 असंतुष्टों की गांधी परिवार को चुनौती

सोनिया गांधी को पत्र लिखकर गांधी परिवार को कठघरे में ला चुके कांग्रेस के कई दिग्गज जिन्हें जी-23 के नाम से भी जाना जाता है एक बार फिर पार्टी हाईकमान को सीधी चुनौती देने के मूड में नजर आ रहे हैं। मंच चुना गया है शनिवार को जम्मू में गांधी ग्लोबल फैमिली का शांति सम्मेलन का, पर यह तय है कि निशाना गांधी परिवार था। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा के ठीक अगले ही दिन कांग्रेस के असंतुष्ट बताए जा रहे 23 नेताओं ने जम्मू में सभा कर पार्टी आलाकमान पर तीखे हमले किए और कामकाज पर सवाल उठाए। वक्ताओं ने कांग्रेस को कमजोर बताया और कहा कि नेताओं को पांच सितारा संस्कृति को छोड़ना होगा। इन नेताओं ने सवाल उठाने के लिए ऐसा वक्त चुना जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तमिलनाडु का दौरा कर रहे हैं, बंगाल में वाम मोर्चा के साथ मिलकर पार्टी अपनी जमीन वापस पाने की कोशिश में है और असम, पुडुचेरी व केरल में राजनीतिक चुनौती का सामना कर रही है। इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पोस्टर तक नहीं थे। कार्यक्रम के मंच पर गांधी ग्लोबल लिखा था। इस समारोह में गुलाम नबी आजाद और राजबब्बर के अलावा पूर्व केन्द्राrय मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा समेत कई अन्य नेता पहुंचे थे। गुलाम नबी आजाद इस गांधी ग्लोबल फैमिली एनजीओ के प्रमुख हैं। राज्यसभा से उनके रिटायर होने को लेकर इस संस्था के बैनर तले आजाद को सम्मान दिया गया। इस आयोजन में कांग्रेस के सभी नेता भगवा साफे में नजर आए। ऐसा लग रहा था कि बीजेपी नेताओं की मीटिंग हो रही है? इस मौके पर कपिल सिब्बल ने कहा, सच बोलने का मौका है और आज सच ही बोलेंगे। हम यहां क्यों इकट्ठा हुए हैं? सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिख रही है। हमें इकट्ठा होकर इसे मजबूत करना है। हम नहीं चाहते थे कि गुलाम नबी आजाद साहब को संसद से आजादी मिले। उन्होंने गुलाम नबी आजाद के कामकाज गिनाते हुए कहा, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि उनके अनुभव को कांग्रेस पार्टी इस्तेमाल क्यों नहीं कर पा रही है। पूर्व केन्द्राrय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, पिछले 10 साल में कांग्रेस कमजोर हुई है। दो भाई अलग-अलग मत रखते हों तो इसका मतलब यह नहीं है कि घर टूट जाएगा। राजबब्बर ने कहा, लोग कहते हैं कि जी-23, मैं कहता हूं, गांधी 23। महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ इस देश के कानून और संविधान का गठन किया गया था। कांग्रेस इसे आगे ले जाने के लिए मजबूती से खड़ी होगी। जीö23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने। माना जा रहा है कि कांग्रेस में असंतुष्टों का समूह राहुल गांधी के हालिया उत्तर-दक्षिण की राजनीति वाली टिप्पणी से नाखुश है। कांग्रेस के ये नेता गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा के लिए फिर से नामित न किए जाने से भी नाराज बताए जा रहे हैं। अपने भाषण में गुलाम नबी आजाद ने कहा, मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि आजाद एक संकल्पित कांग्रेसी नेता हैं। आजाद उन नेताओं में से हैं जो कांग्रेस को समझते हैं। कांग्रेस और देश दोनों को ही गुलाम नबी आजाद के मार्गदर्शन की जरूरत है। पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में जी-23 नेताओं ने पार्टी में तुरंत सुधार करने की मांग की थी। इनमें जमीनी स्तर से लेकर कांग्रेस कार्यसमिति तक संगठन के चुनाव कराने की मांग की गई थी।

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