Saturday, 13 March 2021

ब्रिटिश संसद में गूंजा किसानों का मुद्दा

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने भारत में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार और प्रेस की स्वतंत्रता के मुद्दे को लेकर कुछ ब्रिटिश सांसदों के बीच हुई चर्चा की निंदा की है। उच्चायोग ने सोमवार शाम ब्रिटेन के संसद परिसर में हुई चर्चा की निंदा करते हुए कहा कि एक तरफ चर्चा में झूठे दावे किए गए हैं। भारतीय मिशन ने ब्रिटिश मीडिया सहित विदेशी मीडिया में भारत में चल रहे किसान आंदोलन का खुद साक्षी बन खबरें देने का जिक्र किया और कहा कि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता में कमी पर कोई सवाल नहीं उठता। उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि बेहद अफसोस है कि एक संतुलित बहस के बजाय बिना किसी ठोस आधार के झूठे दावे किए गए, इसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में से एक और उसके संस्थानों पर सवाल खड़े किए हैं, यह चर्चा एक लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर वाली ई-याचिका पर की गई। भारतीय उच्चायोग ने इस चर्चा पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। मिशन ने कहा कि आमतौर पर वह सांसदों के एक छोटे समूह के बीच हुई आंतरिक बहस पर कोई टिप्पणी नहीं करता। बयान में कहाöलेकिन जब भारत पर किसी भी तरह की आशंकाएं व्यक्त की जाती हैं, वो दोस्ती, भारत के लिए प्यार या घरेलू राजनीतिक दबाव के किसी भी दावे से परे उसका अपना रुख स्पष्ट करना जरूरी हो जाता है। उसने कहा कि किसानों के प्रदर्शन को लेकर गलत दावे किए जा रहे हैं, जबकि भारतीय उच्चायोग लगातार याचिका में उठाए हर मुद्दे को लेकर संबंधित लोगों को जानकारी देता रहा है। -अनिल नरेन्द्र

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