Saturday, 13 March 2021
स्वीडन की कंपनी ने बस सौदों के लिए दी थी रिश्वत
स्वीडन की नामी कंपनी जो बस-ट्रक बनाती है स्कैनिया ने भारत में सात राज्यों में बसें बेचने के लिए 2013 से 2016 के बीच अफसरों को भारी रिश्वत दी थी। स्वीडिश न्यूज चैनल एसवीटी समेत तीन मीडिया संस्थानों ने एक खुफिया जांच के बाद यह दावा किया है। फॉक्सवेगन एजीज की ट्रक एवं बस का निर्माण करने वाली इकाई स्कैनिया ने 2007 में भारत में काम शुरू किया था और 2011 में विनिर्माण इकाई की स्थापना हुई थी। वहीं स्कैनिया कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि 2017 में कंपनी को कर्मचारियों व शीर्ष प्रबंधन के कामकाज में गंभीर गड़बड़ियां दिखीं। इसके चलते जांच करानी पड़ी और जांच में पता चला कि यह लोग रिश्वतखोरी में लिप्त थे। इसमें कुछ कारोबारी साझेदार भी शामिल थे। प्रवक्ता ने बताया कि इसके बाद स्कैनिया ने भारतीय बाजार में बसों की बिक्री पर ही रोक लगा दी थी। वहीं स्कैनिया के सीईओ हेनरिक हेनरिक्सन ने कहाöनुकसान जरूर हुआ पर हमने वहां अपनी विनिर्माण इकाई को बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में जो भी लोग रिश्वतखोरी में शामिल थे, उन्हें कंपनी से निकाल दिया गया और हमारे बिजनेस पार्टनर्स के करार भी रद्द कर दिए गए। गौरतलब है कि इससे पहले 1986 में बोफोर्स घोटाले में शामिल कंपनी भी स्वीडन की ही थी। तब स्वीडन पुलिस ने ही बोफोर्स कांड का खुलासा किया था। एसवीटी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि भारत सरकार के एक मंत्री को भी रिश्वत दी गई थी। एसवीटी के अनुसार स्कैनिया ने एक मंत्री से जुड़ी एक कंपनी को खास लग्जरी बस दी थी। इसका इस्तेमाल उनकी बेटी की शादी में किया गया था। बस के पूरे पैसे कंपनी को नहीं मिले। हालांकि स्कैनिया के प्रवक्ता ने कहा कि मंत्री को कोई बस नहीं बेची गई थी। उन्होंने इस पर अधिक टिप्पणी से इंकार कर दिया। विवाद के बाद केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय की तरफ से इस बयान पर अपना बयान जारी करते हुए कहा कि एक मीडिया रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री के बेटे के करीबी की कंपनी को नवम्बर 2016 में स्कैनिया कंपनी की तरफ से लग्जरी बस तोहफे में देने की बात कही गई है जो दुर्भावनापूर्ण है। आरोप आधारहीन व मीडिया की कल्पना है।
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