Tuesday 9 March 2021

मनसुख मौत ः सच्चाई का खुलासा जरूरी है

रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटों से भरी स्कॉर्पियो के मालिक का शव शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में एक समुद्री खाई में पाया गया। इसके बाद से इस मामले का रहस्य और गहरा गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने मामले की जांच एनआईए को सौंपने की मांग की है, पर राज्य के गृहमंत्री ने जांच महाराष्ट्र एटीएस को सौंपने की घोषणा की है। 25 फरवरी को एक स्कॉर्पियो एंटीलिया से करीब 200 मीटर दूर खड़ी पाई गई थी। इसमें मुकेश अंबानी के नाम एक पत्र व जिलेटिन की 20 छड़ें पाई गई थीं। बुधवार को इस गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन ने टीवी चैनलों पर कहा था कि वह स्कॉर्पियो से ठाणे से मुंबई की ओर जा रहे थे, लेकिन स्कॉर्पियो लॉक हो जाने के कारण वह गाड़ी को ऐरोला ब्रिज के पास छोड़कर चले गए थे। वहां से गाड़ी चोरी हो गई थी। स्कॉर्पियो व विस्फोटक बरामदगी की जांच चल रही थी कि शुक्रवार सुबह करीब 10ः30 बजे ठाणे के उपनगर मुंब्रा की समुद्री खाई में मनसुख हिरेन का शव पाया गया। उनके मुंह में पांच रूमाल ठूंसे हुए थे। यह स्थान उनके नौपाड़ा स्थित घर से करीब सात किलोमीटर दूर है। वह अपने घर से गुरुवार रात 8ः30 बजे ऑटो से निकले थे। दोपहर तक नहीं लौटने पर उनके परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। तब पता चला कि समुद्री खाई में मिला शव मनसुख हिरेन का ही है। मनसुख हिरेन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह का खुलासा नहीं किया गया। विसरा प्रिसर्व कर आगे की जांच के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि मनसुख की मौत का क्या कारण था? शुरुआती जांच में पुलिस को लग रहा है कि मनसुख ने आत्महत्या की है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का विधानसभा में दिया बयान भी इसी ओर इशारा कर रहा है, जिस स्थिति में मनसुख का शव बरामद हुआ वह तो कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। आत्महत्या करने वाले के मुंह में पांच रूमाल कैसे ठूंसे हो सकते हैं? उनके पड़ोसियों का भी कहना है कि अगर कोई आत्महत्या करेगा तो अपने चेहरे पर पांच रूमाल क्यों बांधेगा? मनसुख के बड़े भाई विनोद हिरेन ने इसे हत्या करार देते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार की छवि और प्रतिष्ठा के लिए जरूरी है कि मनसुख हिरेन की रहस्यमय मौत से पर्दा उठे। राउत ने कहा कि मनसुख की रहस्यमय मौत निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उनके स्कॉर्पियो वाहन का इस्तेमाल अंबानी के आवास के पास विस्फोटक रखने में किया गया था। उनकी मौत का राजनीतिकरण करना और सरकार को घेरना गलत है। इस बात पर संदेह है कि मनसुख की मौत आत्महत्या थी या हत्या? मामले में वह महत्वपूर्ण गवाह थे। यह महा विकास आघाड़ी (एमबीए) सरकार की प्रतिष्ठा और छवि के लिए महत्वपूर्ण है कि पूरे मामले के रहस्य से पर्दा उठे। उधर ठाणे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हिरेन के विसरा को विश्लेषण के लिए मुंबई की एक फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि शनिवार को प्राप्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हिरेन के शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हिरेन के विसरा को सुरक्षित रखा गया है और रासायनिक विश्लेषण के लिए मुंबई के कलिना में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा गया है। देखें कि इस केस में कभी पूरी सच्चाई सामने आएगी भी? मनसुख की मौत केस को खत्म करने के लिए की गई है।

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