Wednesday, 31 March 2021

पांच माह में मिल गया बेटी को इंसाफ

हत्याकांड के महज पांच माह में ही फरीदाबाद की निकिता को इंसाफ मिल गया। फैसले के जल्दी आने का कारण मामले की सुनवाई केवल फास्ट ट्रैक में होना ही नहीं है। इसके कई पहलू हैं, जिस कारण जल्द से जल्द आरोपियों को सजा सुनाई जा सकी है। 26 अक्तूबर 2020 को तौसीफ ने निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कुछ घंटों बाद ही हरियाणा क्राइम ब्रांच डीएलएफ ने आरोपी को सोहना से काबू कर लिया। इसके अगले दिन उसका साथी भी नूंह से पकड़ लिया गया। एसआईटी ने मात्र 11 दिन में ही दिन-रात मेहनत कर 700 पेज की चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में दाखिल कर दी। चार्जशीट को तैयार करने के बाद एनआईए के चीफ रहे वरिष्ठ आईपीएस अलोक मित्तल, डिस्ट्रिक अटॉर्नी, वरिष्ठ अधिवक्ता और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने गहनता से उसका अध्ययन किया। शुरुआत में पुलिस द्वारा 64 गवाह बनाए गए थे। इसके बाद 10 गवाह और जोड़े, लेकिन मामले को जल्द निपटाने के लिए मात्र 57 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अदालत ने दोषी तौसीफ को धारा 302 व 34 के तहत उम्रकैद तथा 20 हजार रुपए जुर्माना, धारा 36 व 511 में पांच साल कैद व दो हजार जुर्माना, धारा 27 आर्म्स एक्ट में चार साल कैद व दो हजार जुर्माना, धारा 120बी में पांच साल कैद व दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। उसके साथी रेहान को 27 आर्म्स एक्ट के अलावा बाकी सभी धाराओं में तौसीफ के बराबर का दोषी मानते हुए उम्रकैद व 26 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। बी.कॉम कर निकिता के अपहरण में विफल रहने पर तौसीफ और रेहान ने कॉलेज के सामने दिनदहाड़े गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। अभियोजन पक्ष ने मामले को दुलर्भ से दुलर्भ तय श्रेणी (रेयरेस्ट ऑफ रेयर) में रखने की अपील करते हुए दोषियों को फांसी का सजा देने की मांग की। वहां बचाव पक्ष ने लगभग 12 मामलों का जिक्र करते हुए केस को सामान्य अपराध की श्रेणी में रखते हुए उन्हें फांसी की सजा नहीं देने का आग्रह किया। अदालत ने बुधवार को इन्हें दोषी करार देते हुए सजा पर फैसला 26 मार्च के लिए सुरक्षित रख लिया था, जबकि इन्हें हथियार उपलब्ध करवाने वाले तीसरे आरोपी अजहरुद्दीन को बरी कर दिया था। दोनों पक्षों के वकीलों की सुनवाई और जिरह के बाद न्यायाधीश सरताज बसवाना ने दोपहर साढ़े तीन बजे तक कार्रवाई स्थगित कर दी। हालांकि बाद में दोपहर साढ़े तीन बजे का समय बदलकर चार बजे रख दिया। इसके एक मिनट बाद दोषियों को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुना दी। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज व निकिता के मां-बाप इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। गृहमंत्री अनिल विज निकिता के हत्यारों को उम्रकैद की सजा से नाखुश हैं। सरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रही है। हत्यारों को फांसी दिलाने के लिए सरकार हाई कोर्ट जाएगी। उन्होंने कहा कि दोषियों के लिए हर कोई मृत्युदंड से कम सजा नहीं चाहता। ऐसे मामलों में सजा संबंधी फैसले समाज के लिए नजीर बनने चाहिए। निकिता की मां विजयवती व पिता मूलचन्द तोमर का कहना है कि जब तक उनकी बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा नहीं मिल जाती, तब तक वह सुकून से नहीं रह सकते। इसे लेकर वह सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाएंगे। हमारी बेटी को इंसाफ नहीं मिला है। दोषियों को फांसी होनी चाहिए।

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