Thursday 11 March 2021

सरकार खून मांगती है मैं अपनी शहादत दे रहा हूं

तीन कृषि कानूनों के विरोध में लगातार सौ दिन से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन में टीकरी बॉर्डर धरने में शामिल रहने वाले हिसार के सिसाय गांव के एक किसान ने कसार बाइपास के करीब खेत में पेड़ से रस्सी के सहारे फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। मृतक किसान के पास दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें अपनी मौत का जिम्मेदार सरकार को ठहराया है। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि सरकार मरने वाले की आखिरी इच्छा पूछती है और पूरा करती है तो मेरी इच्छा यह है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। जानकारी के अनुसार हिसार जिले के गांव सिसाय का रहने वाला राजबीर आंदोलन की शुरुआत से ही जुड़ा हुआ था। वह सक्रिय रूप से इसमें भागीदारी निभा रहा था। पिछले 10 दिनों से वह टीकरी बॉर्डर पर ही था। शनिवार की रात वह अपने गांव के जत्थे से अलग हो गया और खेतों में जाकर फांसी लगा ली। बताया गया कि राजबीर दो बच्चों का बाप है। राजबीर के पास से मिले सुसाइड नोट में सरकार पर गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा है कि यह सरकार खून मांगती है और मैं अपनी शहादत देता हूं। मेरी शहादत खराब नहीं जानी चाहिए। चाहे मेरा शव सड़क पर ही रखना पड़े। इसमें लिखा हुआ है कि भगत सिंह ने देश के लिए जान दी थी और मैं किसानों के लिए जान दे रहा हूं। उन्होंने अपने गांव के किसानों से अपील करते हुए लिखा है कि अपना हक लेकर ही वापस जाएं। सुसाइड नोट में सांसद दीपेंद्र सिंह हड्डा व विधायक बलराज कुंडू का भी जिक्र किया है। लिखा है कि भाई दीपेंद्र हुड्डा और बलराज कुंडू किसानों के हक में लड़ाई लड़ रहे हैं।

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