Wednesday, 31 March 2021

क्या महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार गिरने वाली है?

महाराष्ट्र में उद्योगपति मुकेश अंबानी के निवास एंटीलिया केस के आरोपी सचिन वाजे के राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से रिश्तों पर राज्य की सियासत गरमा गई है। इस बीच उद्धव सरकार के सहयोगी राकांपा के दो बड़े नेताओं की गुजरात यात्रा ने सरकार की नींद उड़ा दी है। खबर यह है कि शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ने अहमदाबाद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से आधी रात के बाद मुलाकात की। शाह की पवार से मुलाकात को महाराष्ट्र में सरकार चला रही महाविकास अघाड़ी के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। इस मुलाकात पर शाह ने यह कहकर सस्पेंस और बढ़ा दिया कि हर बात सार्वजनिक नहीं की जाती। इससे सियासी जानकार कयास लगा रहे हैं कि महाराष्ट्र में जल्द उलटफेर हो सकता है। बताते हैं कि अहमदाबाद में भाजपा के करीबी कारोबारी के यहां शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल की अमित शाह के साथ बैठक हुई। रविवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब अमित शाह से पूछा गया कि आप कल अहमदाबाद में थे और बताया जा रहा है कि वहां आपकी शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात भी हुई है। इस पर शाह ने जवाब दिया कि यह सब चीजें सार्वजनिक नहीं होती हैं। इधर शिवसेना ने भी रविवार को अपने मुखपत्र सामना के जरिये देशमुख पर निशाना साधा। संजय राउत ने सामना में लिखे अपने लेख में पूछा कि आखिर सस्पेंड पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की वसूली की जानकारी गृहमंत्री को कैसे नहीं हुई? उन्होंने गृहमंत्री अनिल देशमुख को एक्सीडेंटल मिनिस्टर बताते हुए उन्हें नसीहत भी दे डाली। साथ ही विपक्ष को भी जता दिया कि लाख कोशिश कर लो महाविकास अघाड़ी की सरकार नहीं गिरेगी। लेख में आगे कहा गया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से बेवजह पंगा लिया। गृहमंत्री को कम से कम बोलना चाहिए। बेवजह कैमरे के सामने जाना और जांच के आदेश जारी करना अच्छा नहीं है। ‘सौ सुनार की एक लोहार की’ ऐसा बर्ताव गृहमंत्री का होना चाहिए। पुलिस विभाग का नेतृत्व सिर्फ सैल्यूट लेने के लिए नहीं होता। वह प्रखर नेतृत्व देने के लिए होता है। राउत ने आगे लिखा कि राकांपा के सीनियर नेताओं जयंत पाटिल और दिलीप कल्से पाटिल ने गृहमंत्री का पद लेने से इंकार कर दिया था। इसलिए शरद पवार ने अनिल देशमुख को गृहमंत्री बना दिया। आज मौजूदा सरकार के पास डैमेज कंट्रोल की कोई योजना नहीं है। संदिग्ध व्यक्ति के घेरे में रहकर राज्य के गृहमंत्री पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति काम नहीं कर सकता है। पुलिस विभाग पहले ही बदनाम है। उस पर इतने सारे आरोपों से संदेह बढ़ता है। वहीं राउत के लेख पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने नाराजगी जताई है। पवार ने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार के प्रमुख नेताओं को इस तरह के बयान देकर सरकार को मुश्किल में लाने का काम नहीं करना चाहिए। एनसीपी नेता अजीत पवार ने पुणे के बारामती शहर में पत्रकारों से कहा कि मंत्री पद का आबंटन एक गठबंधन में हर सत्ताधारी दल के प्रमुख का विशेषाधिकार होता है। इधर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने पार्टी प्रमुख शरद पवार और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच मुलाकात का रविवार को खंडन किया। मलिक ने आरोप लगाया कि इस तरह की बातें करके भ्रम पैदा करना भाजपा का तरीका है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से झूठी जानकारी है जो कुछ लोगों ने भ्रम पैदा करने के लिए जानबूझ कर फैलाई है। भाजपा कुछ भ्रम पैदा करना चाहती है, ऐसी कोई मुलाकात नहीं हुई है। शरद पवार का अमित शाह से मिलने का कोई कारण नहीं है। राजनीति में ऐसे खंडन आते ही रहते हैं पर इतना जरूर लगता है कि अंदरखाते शरद पवार और अमित शाह के बीच खिचड़ी जरूर पक रही है।

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