Sunday 28 March 2021

जब दो ननों को जबरन ट्रेन से उतारा

बीते सप्ताह धर्मांतरण के संदेह में दो नन व उनके साथ जा रही दो किशोरियों को झांसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतारे जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। केरल के मुख्यमंत्री द्वारा इस घटना पर आपत्ति जताए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे मामले की रिपोर्ट जीआरपी से तलब की है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने केरल में हुई एक चुनावी जनसभा में कहा कि आरोपी बख्शे नहीं जाएंगे। 19 मार्च को उत्कल एक्सप्रेस के कोच नम्बर बी-दो में नन लीबिया थॉमस, हेमलता और श्वेता व बी.तरंग हजरत निजामुद्दीन से राउरकेला (ओडिशा) के लिए यात्रा कर रही थीं। इसी ट्रेन के कोच नम्बर बी-एक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ कार्यकर्ता भी झांसी आ रहे थे। कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरण के संदेह में किशोरियों को ले जाने की सूचना रेलवे के 182 नम्बर पर आरपीएफ को दी थी। कार्यकर्ताओं की सूचना के बाद एक संगठन के नेता भी झांसी स्टेशन पहुंच गए थे। आरपीएफ से सूचना मिलने के बाद जीआरपी ने भी प्लेटफॉर्म पर पहुंचकर शाम करीब साढ़े सात बजे चारों को ट्रेन से उतार लिया था। डेढ़ घंटे की पड़ताल के बाद धर्मांतरण की शिकायत गलत निकलने पर सभी को छोड़ दिया गया था। इसके बाद वह सभी दूसरी ट्रेन से राउरकेला रवाना हो गई थीं। केरल के मुख्यमंत्री ने भी घटना पर आपत्ति जताते हुए केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखा था। इस पर गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार को इस पूरे मामले की रिपोर्ट झांसी जीआरपी से तलब की गई है। इससे खलबली मच गई है। गृहमंत्री अमित शाह ने केरल की ननों के साथ कथित छेड़छाड़ मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। कांजीरापल्ली की एक चुनावी रैली में शाह ने कहा कि मैं केरल के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस घटना के पीछे जो भी लोग शामिल हैं, उन्हें जल्द कानून का सामना करना पड़ेगा। कांजीरापल्ली से अमित शाह ने केरल की जनता को आश्वस्त किया। -अनिल नरेन्द्र

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