Friday, 26 March 2021

मामला मनसुख हिरेन की हत्या का

महाराष्ट्र आतंकरोधी दस्ते (एटीएस) ने मनसुख हिरेन हत्या मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपे जाने के दूसरे दिन ही इसे सुलझाने का दावा किया। कहा कि निलंबित सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे के कहने पर ही यह वारदात हुई थी। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास मिलीं जिलेटिन की छड़ों से लदी स्कॉर्पियो के मालिक हिरेन की हत्या में एटीएस ने सचिन वाजे को मुख्य आरोपी बनाया है। एटीएस अफसरों के मुताबिक वाजे को एक बुकी ने कई सिम कार्ड मुहैया कराए थे, जो अपराध में इस्तेमाल किए गए थे। एटीएस ने इसी मामले में निलंबित पुलिस कांस्टेबल विनायक शिंदे (55) और बुकी नरेश गौड़ (31) को भी गिरफ्तार किया है। इन्हें स्थानीय कोर्ट ने 30 मार्च तक एटीएस हिरासत में भेज दिया। शिंदे लखन भैया मुठभेड़ मामले का दोषी है और पैरोल पर बाहर है। बताया जा रहा है कि शिंदे ने ही चार मार्च की रात पूछताछ के लिए मनसुख को फोन कर बुलाया था। उसके बाद पांच मार्च को मनसुख का शव मुंब्रा रतीबंदर स्थित खाड़ी में पाया गया था। एटीएस ने आरोपियों से तीन मोबाइल फोन और गुजरात वोडाफोन के आठ सिम कार्ड बरामद किए हैं। दोनों को कस्टडी में लेने के बाद एटीएस अब मनसुख की हत्या की साजिश का पता लगाएगी। साथ ही मनसुख की सोने की चेन, पुखराज पत्थर, घड़ी, पर्स, कैडिट कार्ड और डेबिट कार्ड आदि बरामद करने का प्रयास करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपा था। ऐसे में गिरफ्त में आए दोनों आरोपियों से जांच एजेंसी भी पूछताछ करेगी। हालांकि अभी तक यह केस एटीएस के पास ही है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द एनआईए मनसुख की मौत का मामला अपने हाथ में ले लेगी। -अनिल नरेन्द्र

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