Sunday, 21 March 2021
तमिलनाडु में मुस्लिम वोट में भी ओवैसी ने लगाई सेंध
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है। फिल्म स्टार विजयकांत की पार्टी डीएमडीके-एएमएमके के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने के ऐलान ने तस्वीर बदल दी है। इस गठबंधन के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। डीएमडीके और एएमएमके गठबंधन में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी शामिल है। ऐसे में मुस्लिम वोट में विभाजन से डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को सीधा नुकसान होगा। राज्य में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या छह प्रतिशत है। किसी भी सीट पर मुस्लिम मतदाताओं का वर्चस्व नहीं है, पर करीब 50 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 20 हजार के करीब है। यह मतदाता अमूमन डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को वोट करते रहे हैं। पर इस चुनाव में ओवैसी का एएमएमके संग गठबंधन इन सीटों पर असर डाल सकता है। क्योंकि इनके साथ स्थानीय मुस्लिम पार्टी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का भी गठबंधन है। मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के प्रमुख कमल हसन की नजर भी मुस्लिम वोट पर है। ओवैसी के विजयकांत की डीएमडीके और दिनाकरन की एएमएमके के साथ आने से गठबंधन भी मुस्लिम वोटरों में सेंध लगाएगा। ऐसे में इन सीटों पर मुस्लिम वोट विभाजित होता है तो इसका सीधा नुकसान डीएमके-कांग्रेस और एआईयूएमएल गठबंधन को होगा। क्योंकि डीएमके गठबंधन की चुनावी जीत का गणित मुस्लिम दलित वोट पर है। कांग्रेस के रणनीतिकार मानते हैं कि एआईएमआईएम के दिनाकरन के साथ गठबंधन ने स्थिति बदल दी है। ओवैसी चुनाव गठबंधन नहीं करते तो शशिकला का भतीजा होने से दिनाकरन एआईएडीएमके को नुकसान पहुंचा सकता था। क्योंकि शशिकला ने भले ही राजनीति से संन्यास ले लिया हो पर पार्टी में उनके समर्थकों की कमी नहीं है। ओवैसी और डीएमडीके गठबंधन ने हालात बदल दिए हैं।
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