Sunday, 24 October 2021
इंटरनेट बैंकिंग के जरिये पैसा निकालने का प्लान
साइबर सेल ने बैंक से जुड़ी एक बड़ी जालसाजी का खुलासा किया है। साइबर सेल का दावा है कि उसने एक प्राइवेट बैंक के तीन स्टाफ समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। स्टाफ में एक महिला भी शामिल है। इन पर आरोप है कि इन्होंने एनआरआई के बंद पड़े अकाउंट में सेंध लगाने की कोशिश की। यह कोशिश एक-दो बार नहीं, बल्कि 66 बार की गई। बैंक कर्मचारियों को मोटी रकम देने का लालच दिया गया था। आरोपियों ने बैंक कर्मियों को 10-10 लाख रुपए देने का झांसा दिया था। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गाजियाबाद निवासी आर. जायसवाल, जी. शर्मा, ग्रेटर नोएडा निवासी ए. कुमार, हापुड़ निवासी ए. तोमर, गाजियाबाद निवासी एम. यादव, बुलंदशहर निवासी एसएल सिंह, गुरुग्राम निवासी एस. तंवर, झांसी निवासी एनके जाटव, बागपत निवासी एस. सिंह, रायबरेली निवासी डी. चौरसिया, गोंडा निवासी ए. सिंह व एक महिला के रूप में हुई है। डी. चौरसिया, ए. सिंह और महिला बैंक के कर्मचारी हैं। दरअसल एचडीएफसी बैंक ने इस मामले में शिकायत की थी। इसमें बताया गया कि उनके बैंक में एक एनआरआई का अकाउंट है। अकाउंट होल्डर की ओर से उसकी लेनदेन बंद है। खाते में मोटी रकम जमा है। पिछले कुछ दिनों से कुछ लोगों ने इस बैंक खाते में सेंध लगाने की कोशिश की। अलग-अलग जगहों से करीब 66 बार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की कोशिश की गई। खाताधारक की चेक से भी पांच-छह बार रकम निकालने की कोशिश की गई, लेकिन जालसाजी कामयाब नहीं हो सकी। साइबर सेल की टीम ने टेक्निकल व ह्यूमन इंटेलिजेंट के जरिये दिल्ली, यूपी और हरियाणा की 20 अलग-अलग जगहों से 12 लोगों को पकड़ा। पता चला कि एचडीएफसी बैंक में एक एनआरआई के खाते में मोटी रकम है। खाते का लेनदेन बंद है। खाते से मोटी रकम निकाल ली जाए तो खातेदार को शायद पता नहीं चलेगा। यही सोचकर बैंक कर्मियों ने पहले खाते की एक चेकबुक जारी करवाई। इसके बाद लेनदेन को भी शुरू करवाया। खाते में केवाईसी करवा उसमें एनआरआई अमेरिकी खाताधारक के मोबाइल नम्बर की जगह एक भारतीय नम्बर जोड़ दिया गया, जिसमें सिर्फ देश का कोड ही अलग था। बाकी नम्बर एक जैसा था। -अनिल नरेन्द्र
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