Wednesday, 6 October 2021
क्यों भाई चाचा हां भतीजा
चुनाव आयोग की तरफ से चिराग पासवान तथा पशुपति पारस को बड़ा झटका लगा है। चाचा-भतीजे की लड़ाई में चुनाव आयोग ने लोजपा का चुनाव ]िचन्ह ही जब्त कर लिया है। चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी का चुनाव चिन्ह बंगले को फ्रीज कर दिया है। आयोग ने एलजेपी के नाम या उसके चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने पर तब तक रोक लगा दी थी जब तक कि आयोग दो ग्रुपों के बीच विवाद का निपटारा नहीं कर देता। आयोग ने अंतरिम उपाय करते हुए चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) व चुनाव चिन्ह हेलीकॉप्टर तो वहीं उनके चाचा पशुपति पारस को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी व चुनाव चिन्ह सिलाई मशीन का आबंटन किया है। चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस दोनों ने ही पार्टी की विरासत पर अपना-अपना दावा ठोका था। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि दोनों धड़े आगामी दिनों में बिहार की दो विधानसभा सीटों सहित पूरे देश में 30 विधानसभा सीटों व तीन लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए चुनाव आयोग द्वारा आबंटित चुनाव चिन्हों का उपयोग कर सकते हैं। आयोग ने अपने आदेश में कहा गया था कि दोनों समूहों को ऐसे नामों से जाना जाएगा, जो वह अपने संबंधित समूहों के लिए चुन सकते हैं, जिसमें वह चाहें तो अपनी मूल पार्टी एलजेपी के साथ संबंध भी शामिल कर सकते हैं। दोनों गुटों से चार अक्तूबर तक जरूरी दस्तावेज लाने को कहा गया था। आयोग ने कहा था कि दोनों पक्ष पार्टी के नाम और चिन्ह को लेकर जल्द ही विवाद का हल निकालें। चुनाव आयोग का यह फैसला काफी अहम है। यह ऐसे समय लिया गया फैसला है जब बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। दोनों सीटों पर 30 अक्तूबर को वोटिंग होनी है। पिछले काफी समय से चिराग और पारस द्वारा पार्टी पर अलग-अलग दावेदारी पेश की जा रही थी। सारा झगड़ा रामविलास पासवान के निधन के बाद से शुरू हुआ है।
-अनिल नरेन्द्र
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