Friday, 1 October 2021

बम से उड़ा दी जिन्ना की प्रतिमा

पाकिस्तान की दमनकारी नीतियों के कारण बलूचिस्तान में असंतोष का लावा अब विस्फोटक रूप लेने लगा है। बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर में स्थित पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की प्रतिमा को रविवार की सुबह एक बम से उड़ा दिया गया। जिन्ना की प्रतिमा तटीय क्षेत्र स्थित मरीन ड्राइव पर इसी साल जून में स्थापित की गई थी। डॉन समाचार पत्र की सोमवार की रिपोर्ट के अनुसार विस्फोटक प्रतिमा के नीचे लगाया गया था, जिसकी वजह से वह पूरी तरह नष्ट हो गई। बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट के अनुसार बलूच रिपब्लिकन आर्मी के प्रवक्ता बबगर बलूच ने ट्वीट कर इस धमाके की जिम्मेदारी ली। ग्वादर के उपायुक्त मेजर (सेवानिवृत्त) अब्दुल कबीर खान के हवाले से बीबीसी उर्दू ने बताया कि मामले की उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। खान ने कहा कि जिन लोगों ने प्रतिमा के नीचे विस्फोटक लगाया था, वह पर्यटक के रूप में आए थे। अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन मामले की जांच एक-दो दिन में पूरी कर ली जाएगी। बलूचिस्तान के पूर्व गृहमंत्री व मौजूदा सीनेटर सरफराज बुग्ती ने ट्वीट कियाöकायद-ए-आजम की प्रतिमा को नष्ट किया जाना, पाकिस्तान के सिद्धांतों पर हमला है। मैं प्राधिकारियों से आग्रह करता हूं कि इस घटना को अंजाम देने वालों को वैसी ही सजा दी जाए, जैसी जियारत में स्थित जिन्ना के आवास पर हमला करने वालों को दी गई थी। वर्ष 2013 में जिन्ना के 121 साल पुराने आवास पर बम से हमले किए गए थे। घर में लगी आग चार घंटे तक धधकती रही थी, जिसमें जिन्ना के फर्नीचर व यादगार सामान जलकर राख हो गए थे। जिन्ना ने इसी घर में अपने अंतिम दिन बिताए थे। ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के नेता रहे जिन्ना पाकिस्तान गठन के बाद उसके पहले गवर्नर जनरल बनाए गए थे और अपने आखिरी वक्त तक इस पद पर बने रहे। उल्लेखनीय है कि बलूचिस्तान के लोगों के उत्पीड़न व वहां के खनिज पदार्थों के दोहन से स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है। स्थानीय लोग पाकिस्तानी सैनिकों पर मारपीट व हत्या जैसे आरोप लगाते रहते हैं। इन वजहों से बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तानी सैनिकों व सरकार का विरोध करते हैं। पिछले ही हफ्ते बलूचिस्तान प्रांत में एक चैक-पोस्ट पर हुए हमले में दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।

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