Thursday, 28 October 2021

10 देशों के राजनयिकों को देश से निकाला

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने शनिवार को अमेरिकी राजदूत सहित 10 देशों के शीर्ष राजनयिकों को अवांछित व्यक्ति घोषित करने का आदेश दिया। 18 अक्टूबर को बयान में अमेरिका के साथ कनाडा, डेनमार्प, फांस, जर्मनी, नीदरलैंड, नार्वे, स्वीडन, फिनलैंड और न्यूजलैंड के शीर्ष राजनयिकों ने उस्मान कवाला को रिहा करने की अपील की थी। उन्होंने कवाला की तुरंत रिहाई व मुकदमे के न्यायपूर्ण निपटारे पर जोर दिया था। कवाला तुर्की में मानवाधिकार समूह की मदद करते रहे हैं और देशद्रोह जैसे आरोपों में चार साल से जेल में है। कवाला को 2013 में राष्ट्रव्यापी सरकार विरोधी पदर्शनों से जुड़े आरोपों में पिछले साल बरी कर दिया गया था। लेकिन बाद में फैसले को पलटकर उन्हें 2016 के सत्ता पलट के पयासों से जुड़े आरोपों में घसीट लिया गया। एर्दोगान ने से राजनयिकों के बयान को धृष्टता करार देते हुए एक पश्चिम शहर एस्किसेर में एक रैली में कहा-मैंने अपने विदेश मंत्री को निर्देश दिया कि आप इन 10 संबंधित अवांछित व्यक्ति घोषित किए गए राजदूतों के मामले का तुरंत निपटारा करें। संबंधित घोषित राजनयिकों में नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्प, स्वीडन, फिनलैंड, नार्वे और न्यूजीलैंड के राजनयिक भी शामिल हैं। असल में किसी भी राजनयिक को अवांछित व्यक्ति घोषित करने का मतलब यही होता है कि वह मेजबान देश में आगे नहीं रह सकता है। वहीं यूरोप की परिषद का कहना है कि कवाला को रिहा नहीं किया गया तो नवम्बर के अंत में तुर्की पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई की जाएगी। -अनिल नरेन्द्र

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