Thursday, 28 October 2021

विवादों में घिरते समीर वानखेड़े

बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े ड्रग्स मामले में एक नया मोड़ आ गया है। इस केस में आरोप-पत्यारोप और बयानबाजी का सिलसिला काफी पहले से चल रहा है, लेकिन एक नया मोड़ तब आया जब एक गवाह ने यह कहा कि उससे कोरे कागज पर यह लिखवाया कि वह मौके पर मौजूद नहीं था, एनसीबी (नार्केटिक्स कंट्रोल बोर्ड) अधिकारियों की कार्यपणाली पर पश्न जरूर खड़े करता है। मामले में गवाह किरण गोस्वामी के सुरक्षा गार्ड पभाकर सैल ने समीर वानखेड़े पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए हैं। उसके मुताबिक उसने आर्यन को छोड़ने के एवज में 25 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगे जाने की बात सुनी थी। हालांकि आखिर में डील 18 करोड़ रुपए में तय हो गई थी। इसमें से 8 करोड़ रुपए वानखेड़े को दिए जाने थे। वानखेड़े ने सोमवार को मुंबई की एक अदालत में हलफनामा देकर कहा- मुझे झूठे आरोपों के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता है। क्योंकि मैं जिस केस की जांच कर रहा हूं, उसमें कुछ लोगों के निजी हित आड़े आ रहे हैं। वे नहीं चाहते कि ईमानदारी से जांच हो। इसलिए वह लोग मेरी दिवंगत मां तक को निशाना बना रहे हैं। लेकिन कोर्ट ने वानखेड़े की अर्जी खारिज करते हुए कहा- हम कुछ नहीं कर सकते। वहीं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े का जन्म पमाण पत्र दिखाया। इसमें उनका नाम समीर दाउद वानखेड़े लिखा है। मलिक ने लिखा जालसाजी यहां से शुरू हुई थी। नवाब की पार्टी एनसीपी ने यह भी कहा कि वानखेड़े ने पहले एक मुस्लिम डॉक्टर से निकाह किया था। फिर उनसे तलाक लेकर मराठी अभिनेत्री कांति रेडकर से शादी की। वहीं वानखेड़े ने जवाब में कहा मेरे पिता ज्ञानदेव काथरुजी वानखेड़े राज्य सरकार के आबकारी विभाग में वरिष्ठ निरीक्षक थे। वह हिंदू हैं और मेरी मां जाहिदा मुस्लिम थीं। मैं धर्मनिरपेक्ष परिवार से ताल्लुक रखता हूं। मैंने 2006 में विशेष विवाह अधिनियम-1954 के तहत डॉक्टर शबाना कुरैशी से शादी की थी। हम दोनों ने 2016 में तलाक ले लिया। 2017 में मैंने कांति रेडकर से शादी की। एनसीपी पवक्ता व राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक के बारे में कहा- वह मुझे निजी तौर पर निशाना बना रहे है। क्योंकि मैंने उनके दामाद समीर खान को गिरफ्तार किया था। एनसीबी ने अदालत से अनुरोध किया है कि इस मामले के सबूतों के साथ छेड़छाड़ और जांच पभावित नहीं होनी चाहिए। सत्र न्यायालय में सोमवार को दो हलफनामे दाखिल किए गए। एक एनसीबी की ओर से और दूसरा गवाह पभाकर सैल के आरोप से संबंधित है। इस पर जज पाटिल ने कहा, हम इस तरह अभी कोई आदेश नहीं दे सकते। संबंधित अदालत उचित वक्त आने पर ही कोई फैसला सुना सकती है। मामला अभी बाम्बे हाई कोर्ट में विचाराधीन है और आर्यन खान की जमानत पर वहां सुनवाई होनी है। हम अभी इस मामले में कोई आदेश नहीं दे सकते। नवाब मलिक ने यह भी कहा कि समीर के पिता का नाम दाउद वानखेड़े है, इससे जन्म पमाण पत्र में जो छेड़छाड़ की और पिता ने धर्म परिवर्तन कर जो नाम बदला था उसे दुरुस्त कर नौकरी पाई। एनसीबी के डीडीजे ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि उन्हें सैल का हलफनामा और मुंबई में तैनात दक्षिण-पश्चिम जोन की डीडीजी की fिरपोर्ट मिली है। एनसीबी की महानिदेशक ने इसे सतर्पता शाखा को भेजा है। एनसीबी पेशेवर संगठन है, इसके स्टाफ पर लगे किसी भी आरोप की जांच पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से होगी।

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