Sunday 3 October 2021

15 साल पुराने वाहन किए जाएंगे कबाड़

कचरे से कंचन बनाने वाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी वाहन कबाड़ नीति के तहत स्क्रैपिंग सेंटर स्थापित करने संबंधी नियम 25 सितम्बर को लागू हो गए हैं। नए नियम के तहत अगर आपकी गाड़ी पुरानी है और वह दो बार फिटनेस जांच में फेल होती है तो वह सीधे कबाड़ में जाएगी। हालांकि गाड़ी के एक बार फिटनेस जांच में विफल होने के बाद आप जरूरी शुल्क देकर इसकी दोबारा जांच करा सकते हैं। नए नियम के मुताबिक फिटनेस जांच से संतुष्ट नहीं होने पर गाड़ी मालिक अपील कर सकता है। अपील दायर किए जाने के 15 दिन के भीतर अथारिटी वाहन की आंशिक या पूर्ण जांच का ऑर्डर दे सकती है। अगर वाहन इस फिटनेस में सही पाया जाता है तो अपीलेंट अथारिटी ऐसे वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर सकती है। इसमें अपीलेंट अथारिटी का फैसला अंतिम और बाध्यकारी होगा। नियम के मुताबिक कॉमर्शियल वाहनों की आठ साल तक हर दो साल में फिटनेस जांच करानी होती है। आठ साल से अधिक पुराने वाहनों की हर साल फिटनेस जांच होती है। वहीं निजी गाड़ियों का 15 साल बाद रजिस्ट्रेशन रिन्यू किया जाता है और उसी समय फिटनेस होती है। इसके लिए हर पांच साल में फिटनेस टेस्ट होता है। -अनिल नरेन्द्र

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