Sunday, 17 October 2021

मंत्री अजय मिश्रा पर जल्द कोई फैसला लेना होगा

लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी से किसानों को कुचले जाने का मामला आपराधिक के साथ-साथ राजनीतिक मुद्दा बन गया है। महाराष्ट्र में सरकार प्रायोजित बंद और विपक्ष का देशभर में प्रदर्शन और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति से मिलना यह सब बता रहे हैं कि यह मुद्दा सुलगता जा रहा है। समझौता हो जाने के बावजूद किसान भी अब मिश्रा के इस्तीफे पर अड़ गए हैं। ऐसे में जनता में बन रही धारणा के मद्देनजर पार्टी को मिश्रा पर जल्द कोई फैसला लेना पड़ सकता है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का पहले मानना था कि यदि मंत्री-पुत्र आशीष वह एसयूवी नहीं चला रहा था, जिससे किसानों को कुचला गया था, तो उसके खिलाफ कोई संगीन मामला (आपराधिक) नहीं बनेगा। लेकिन मौका-ए-वारदात पर उसकी मौजूदगी के सुबूतों से स्थिति बदल रही है। हालांकि पूर्व डीजीपी डॉ. एनसी अस्थाना का कहना है कि यदि आशीष उस गाड़ी में मौजूद भी था, तो यह हत्या या गैर-इरादतन हत्या का मामला नहीं बनता। लेकिन आशीष का दंगल में मौजूदगी का दावा तो अब तक जांच में गलत साबित हो रहा है। ऐसे में आपराधिक साजिश के आरोप से यह शायद ही बच पाए। चूंकि मामले को विपक्षी दलों ने इतना अधिक तूल दे दिया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका स्वत संज्ञान लेकर सख्त टिप्पणियां की हैं, इसलिए भाजपा को हमारी राय में कोई न कोई कदम तो उठाना ही पड़ेगा। अवकाश के बाद होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट कोई निर्णय ले लेता है तो पार्टी के लिए मुश्किलें ही बढ़ेंगी। अभी तक भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से सीएम योगी आदित्यनाथ तक सभी भाजपा नेता कानून अपना काम कर रहा है और भाजपा पुलिस पर कोई दबाव नहीं डाल रही है जैसे बयान दे रहे थे। यहां प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के बयान से पार्टी के रुख में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने कहा हैöहम कार से लोगों को कुचलने के लिए तो राजनीति में नहीं आए हैं। माना जा रहा है कि चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव और अदालत के कड़े रुख के चलते जनता में बनने वाली धारणा के मद्देनजर पार्टी को कोई सख्त फैसला लेना पड़ सकता है। यदि अजय मिश्रा इस्तीफा देते भी हैं तो उनके स्थान पर किसी अन्य ब्राह्मण नेता को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जगह दी जा सकती है। उधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पद से अजय मिश्रा टोनी को बर्खास्त किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके और पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके। पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के दो वर्तमान न्यायाधीशों का आयोग गठित किया जाए तथा राष्ट्रपति इस बारे में सरकार को निर्देश दें। राहुल गांधी ने मुलाकात के बाद कहाöजिन परिवारों के सदस्यों को कुचला गया था, उन्होंने बताया कि वह न्याय चाहते हैं। वो चाहते हैं कि जिस व्यक्ति ने यह हत्या की है उसे सजा मिले। उन्होंने यह भी कहा कि जिस व्यक्ति ने हत्या की है उसके पिता देश के गृह राज्यमंत्री हैं और जब तक वह व्यक्ति मंत्री है तब तक सही जांच नहीं हो सकती।

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