Wednesday, 13 October 2021
एक बार फिर चीनी सैनिकों को खदेड़ा
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। पूर्वी लद्दाख में बुरी तरह से मुंह की खाने के बाद भी वह भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण की कोशिश कर रहा है। इस बार चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के त्वांग सैक्टर में घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन मुस्तैद भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया। इस दौरान कुछ समय के लिए दोनों तरफ से सैनिक आमने-सामने भी आ गए थे और उनके बीच झड़प भी हुई, लेकिन भारतीय जवानों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। खबर यह भी है कि भारतीय जवानों ने कुछ चीनी सैनिकों को पकड़ लिया था, जिन्हें स्थापित प्रोटोकॉल के तहत स्थानीय कमांडर स्तर पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत से मसला सुलझने के बाद छोड़ा गया। यह घटना हफ्तेभर पहले त्वांग सैक्टर में भांग्झी इलाके में हुई थी। बताया जाता है कि चीनी सैनिक लगभग 200 जवान पेट्रोलिंग करते हुए सीमा पार कर भारतीय इलाके में घुसने का प्रयास करने लगे। इनकी गतिविधियों पर निगाह रख रहे भारतीय सैनिकों ने सीमा का अतिक्रमण करने के चीनी सैनिकों के इरादे को भांपते हुए तत्काल उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए आगाह किया। चीनी सैनिकों ने चेतावनी की अनदेखी कर भारतीय इलाके में घुसने की कोशिश की तब भारतीय सैनिकों ने मोर्चा संभाल लिया और उन्हें वहीं रोक दिया। इस दौरान उनके बीच कुछ देर झड़प भी हुई। हालांकि दोनों देशों के स्थानीय कमांडरों के स्तर पर जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया गया। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि सौ से ज्यादा चीनी सैनिक भारतीय इलाके में आ गए थे। इसके बाद दोनों पक्षों ने तैनाती बढ़ा दी थी। तनाव कुछ घंटों तक रहा। इस दौरान भारतीय इलाके में किसी बंकर या अन्य रक्षा तैयारी को कोई नुकसान नहीं हुआ। बता दें कि चीनी सैनिक अकसर भारत से लगी सीमा पर एलएसी पर भारत के बनाए बंकरों या बाकी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर को नष्ट करके चले जाते हैं। इरादे क्या हैं पड़ोसी के? चीन सरकार के प्रापेगंडा को चलाने वाली पेइचिंग की न्यूज वेबसाइट सोहू ने दावा किया था कि चीन साल 2024 तक अरुणाचल प्रदेश पर कब्जे की तैयारी कर रहा है। यह विवादित लेख साल 2013 में प्रसारित हुआ था। लेकिन पिछले दिनों फिर से चीन के सोशल मीडिया में यह वायरल हो गया था। इसमें कहा गया है कि चीन साल 2020 से 2026 के बीच में ताइवान, भारत, जापान और रूस से सैन्य मुठभेड़ की तैयारी कर रहा है। चीन का मकसद साल 2025 तक ताइवान पर कब्जा कर लेना है। पिछले साल पांच मई को लद्दाख वाली झड़प के बाद से चीन का आक्रामक रुख बढ़ता जा रहा है। 10 मई को सिक्किम में भारत-चीन सैनिकों की झड़प हुई। जून में चीनी ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर कई जगह आगे आ गया था। 15 जून को गलवान में खूनी झड़प हुई थी। इस साल अगस्त में चीनी उत्तराखंड में घुस आए थे। चीन की नीयत साफ है पर उसे समझना होगा कि भारत भी उसको खदेड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। जय हिन्द।
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