Wednesday, 6 October 2021
अलविदा दिल्ली की मम्मी जी
उन्हें सब मम्मी जी कहते थे और वह सबको बेटा। उनसे बड़े उम्र के लोग भी उन्हें मम्मी जी ही कहना पसंद करते थे। सच में ताजदार बाबर दिल्ली की मम्मी जी ही थीं। उनका शनिवार को निधन हो गया। वह 85 साल की थीं। 1993, 1998, 2003 में मिंटो रोड-बाराखंबा रोड से वह दिल्ली विधानसभा के लिए चुनी गईं। यह खास बात नहीं है। खास बात यह है कि इस सीट पर 85 प्रतिशत वोट गैर-मुसलमान थे। इसके बावजूद ताजदार बाबर चुनाव जीता करती थीं। उनके चुनाव में धर्म का मामला कभी आया ही नहीं। दिल्ली ने अपनी मम्मी जी, एक बुजुर्ग नेता और सुख-दुख के साथी को खो दिया है। उन्होंने अपने इलाके में कभी शराब की दुकान खुलने नहीं दी, जो थीं वह चलती रहीं। उन्होंने 1960 के दशक में अरुणा आसफ अली, सुभद्रा जोशी और सरला शर्मा जैसी दिल्ली की प्रखर महिला कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शराब की दुकानों को बंद करवाने के लिए कई बार आंदोलन चलाए। ताजदार बाबर मूल रूप से कश्मीरी थीं। उन्होंने शादी की थी डब्ल्यूएम बाबर नाम के एक पठान शख्स से। बाबर साहिब देश के विभाजन के बाद मुसलमान होते हुए भी गांधी के देश भारत में आ गए थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू के कहने पर बाबर साहिब ने आकाशवाणी की पश्तो सेवा शुरू की थी। उनका श्रीनगर तबादला हुआ। वहां पर उन्हें ताजदार भट्ट मिलीं, जो शादी के बाद ताजदार बाबर हो गईं। बाबर साहिब का 1955 में दिल्ली में तबादला हुआ और ताजदार दिल्ली आ गईं। यहां पर औरतों के हकों के लिए काम करने लगीं। उनके पति को पंडारा रोड में सरकारी फ्लैट मिला तो वह अफसरों के बच्चों को पढ़ाने भी लगीं। उसके बाद कांग्रेस पार्टी से जुड़ गईं और तीन बार बाराखंबा रोड सीट से दिल्ली विधानसभा की मेंबर रहीं। वह 1994 में नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) की चेयरमैन बनीं। वह एनडीएमसी के चेयरपर्सन पद पर रहते हुए 108 राऊज एवेन्यू में रहा करती थीं। वहां उनके घर पर रोज दर्जनों लोग काम के लिए आते। वह कभी किसी को निराश नहीं करतीं। याद नहीं कि ताजदार बाबर से पहले राजधानी में किसी जीवित इंसान के नाम पर मार्केट या सड़क का नाम रखा गया हो। इस लिहाज से ताजदार बाबर अपवाद थीं। उनके नाम पर लोदी रोड में ताजदार बाबर मार्केट है। ताजदार बाबर के बेटे फरहाद सूरी दिल्ली के पूर्व मेयर रहे हैं। ताजदार बाबर लंबे समय से बीमार चल रही थीं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनके आवास पर पहुंचकर दिवंगत नेता के अंतिम दर्शन किए। इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि ताजदार बाबर जी के परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदना है। हम दिल्ली के लोगों और कांग्रेस के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को हमेशा याद रखेंगे। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि जहां एक ओर कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मना रही है वहीं पार्टी ने अपनी बहुमूल्य नेता और प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष को खो दिया। कुमार ने कहा कि ताजदार बाबर कांग्रेस पार्टी की रीढ़ की हड्डी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ताकत भी थीं। उन्होंने जीवनपर्यंत पार्टी को अपना अतुल्य योगदान दिया। हम ताजदार बाबर को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं। उनके परिवार के लिए ही नहीं, समस्त दिल्ली के लिए यह बड़ा सदमा है।
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