Friday, 22 October 2021
चीनी सेना से निपटेंगे त्रिशूल और वज्र
गलवान घाटी में हुए संघर्ष के दौरान चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर नुकीले तार वाली छड़ों व बिजली के झटके देने वाली बंदूक का प्रयोग किया था। इसके बाद अब एलएसी पर हिंसक झड़प होने की स्थिति में चीन की सेना के इन हथियारों से भारतीय सेना व सुरक्षा बल त्रिशूल, वज्र जैसे पारंपरिक हथियारों से निपटेगी। गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत व चीन के बीच हुए संघर्ष के बाद नोएडा की एक स्टार्टअप फर्म एपास्टेरान प्राइवेट लिमिटेड ने यह गैर-घातक हथियार तैयार किए हैं। सुरक्षा बलों की तरफ से उन्हें चीनी सेना के हथियारों से निपटने में सक्षम उपकरण प्रदान करने का काम सौंपा गया था। फर्म ने कहा कि जब चीनी सैनिकों ने गलवान में तार की छड़ें और टेसर इस्तेमाल किया था। इसके बाद भारत ने गैर-घातक उपकरण के लिए कहा था। फर्म के प्रवक्ता ने कहा कि हमने भारतीय सुरक्षा बलों के लिए अपने पारंपरिक हथियारों से प्रेरित होकर यह हथियार तैयार किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने मेटल रॉड से बना हुआ नुकीला टेसर बनाया है। वज्र नाम से तैयार इस टेसर का प्रयोग दुश्मन सैनिकों पर सामने से आक्रामक हमला करने व उनके बुलेटप्रूफ वाहनों को पंचर करने के लिए भी किया जा सकता है। करंट छोड़ने वाला आमने-सामने लड़ाई में प्रभावी हो सकता है।
-अनिल नरेन्द्र
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