Tuesday, 5 October 2021

कट्टरता की पाठशाला

धर्मांतरण और कट्टरता की पाठशाला चलाने में जांच के घेरे में आए सीनियर आईएएस इफ्तखारुद्दीन की जांच में 50 से ज्यादा धार्मिक वीडियो एसआईटी के हाथ लगे हैं। तकरीर के इन सभी वीडियो में सीनियर आईएएस शामिल हैं। इतना ही नहीं, इस बात की भी एसआईटी ने आधिकारिक पुष्टि कर दी है कि तकरीरें कमिश्नर ऑफिस में हुई हैं। एसआईटी एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट पूरी करके शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। बता दें कि सीनियर आईएएस मोहम्मद इफ्तखारुद्दीन के तीन वीडियो वायरल हुए थे। इनमें दावा किया गया था कि कानपुर में कमिश्नर रहने के दौरान वह कमिश्नर कैंप कार्यालय में धर्मांतरण की पाठशाला चलाते थे। वहां होने वाली तकरीरों में कट्टरता का पाठ पढ़ाया जाता था। मामले की जानकारी सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए थे। शासन ने जांच के लिए डीजी सीबीआई जीएल मीणा की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था। इसमें कानपुर के एडीजे भानु भास्कर समेत कई अफसर शामिल हैं। एसआईटी अध्यक्ष डीजी सीबीआई जीएल मीणा ने शुक्रवार को बताया कि अब तक की जांच में सीनियर आईएएस इफ्तखारुद्दीन के 50 से ज्यादा वीडियो सामने आए हैं। इन सभी वीडियो में तकरीरें हो रही हैं और सीनियर आईएएस भी उसमें शामिल हैं। अब इन तकरीरों में क्या कहा जा रहा है? इसमें कौन लोग शामिल होते थे? किस समय यह तकरीरें होती थीं? तकरीर के लिए कमिश्नर कैंप ऑफिस में किस-किस हिस्से का इस्तेमाल किया जाता था? वहां किन-किन लोगों का आना-जाना था? इस तरह के सैकड़ों सवालों के जवाब एसआईटी तलाश रही है। इन सभी वीडियो को जांचने के लिए 12 टीमों को लगाया गया है। टीमें अपने-अपने लैपटॉप में एक-एक वीडियो का अध्ययन करके एक-एक शब्द का अर्थ निकाल रही हैं। सात दिन में जांच पूरी होते ही शासन को इसकी रिपोर्ट दी जाएगी। फिलहाल अभी जांच के दायरे में आए आईएएस इफ्तखारुद्दीन से इस संबंध में कोई भी पूछताछ नहीं की गई है। जल्द ही उनको पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। उधर फतेहपुर में मतांतरण कराने के आरोप में पकड़ा गया नेपाली मूल का मौलाना कहता था कि दूसरे मत की लड़की लाओ और पैसा पाओ। इसके लिए वह मुस्लिम युवाओं को मजहबी तालीम के दौरान उकसाता था। बच्चों को मतांतरण व गलत शिक्षा देने की शिकायत पर ही छह माह पहले उसे इमाम पद से हटा दिया गया था। शुक्रवार को यह जानकारी गाजीपुर कस्बे की मस्जिद कमेटी के सदस्य अब्दुल मजीद ने दी। उन्होंने बताया कि मौलाना बांग्लादेश का भी हो सकता है। उधर मौलाना पर दर्ज मुकदमे में मतांतरण की धारा भी लगाई गई है। इसके फर्जी दस्तावेजों से नागरिकता हासिल करने, हिन्दू युवती का मतांतरण कराकर मस्जिद में निकाह कराने, धोखाधड़ी करने के मामले में लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) व इंटेलिजेंस ब्यूरो उसके सम्पर्कों को तलाशने व बैंक खातों की जांच में जुटी हैं। गाजीपुर कस्बा स्थित बड़ी मस्जिद कमेटी के सदस्य अब्दुल मजीद की शिकायत पर पुलिस जांच में पता चला कि 20 साल पहले नेपाल से आए मौलाना फिरोज आलम ने खुद की पहचान छिपाकर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर भारतीय नागरिकता हासिल कर ली थी।

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