Wednesday 13 October 2021

आशीष मिश्रा को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया

लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू को शनिवार देर रात आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया गया। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद हुई। एसआईटी के प्रभारी डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल ने शनिवार रात करीब 11 बजे बताया कि जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। आशीष को लखीमपुर हिंसा मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। एसआईटी ने करीब 12 घंटे आशीष से पूछताछ की। इसके बाद शनिवार देर रात जांच में सहयोग न करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। उसे लखीमपुर की कोर्ट में पेश किया गया। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने जेल भेज दिया। एसआईटी ने पूछताछ में आशीष से 150 से ज्यादा सवाल पूछे, लेकिन अग्रवाल के मुताबिक सवालों के अतार्पिक जवाब मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि एसआईटी के सामने 12 पेन ड्राइव में कई वीडियो, फोटो और दर्जनभर शपथ पत्र देने वाले लोगों ने दावा किया है कि घटना के दिन आशीष ग्राम बनवीरपुर में दंगल कार्यक्रम में मौजूद थे और महिंद्रा कार में घटना के समय मौजूद नहीं थे। हालांकि कई वीडियो में यह साफ दिख रहा है कि महिंद्रा कार में आशीष मौजूद थे। तीन अक्तूबर की घटना में आठ लोगों की जान चली गई थी। वाहन से कुचल कर चार किसानों की मौत हो गई थी। कवरेज करते अपनी ड्यूटी निभाते एक बहादुर पत्रकार भी इस हिंसा में मारे गए थे। बहराइच निवासी जगजीत सिंह द्वारा दायर प्राथमिकी में आशीष मिश्रा और 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल पर वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 309ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120बी (साजिश) के तहत मामला दर्ज कराया था। आंदोलन करने वाले किसानों ने मांग की है कि मंत्री पिता को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। अजय मिश्रा टेनी पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले थे। मिलने के बाद मिश्रा टेनी ने साफ कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। मामला अब अदालत में है। पुलिस को साबित करना होगा कि आशीर्ष उन चार किसानों की हत्या के दोषी हैं और उस दिन वह महिंद्रा कार में मौजूद थे जिस दिन चार किसानों को कुचला गया। यह भी साबित करना होगा कि यह इरादतन किया गया। आशीष की कोशिश होगी कि वह यह साबित करें कि वह उस दिन महिंद्रा कार में मौजूद नहीं थे।

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