Thursday, 7 October 2021
अब ड्रग्स का आतंक मचाएगा तालिबान
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे ने जहां आतंक को बढ़ाया है वहीं अफीम, गांजे जैसे मादक पदार्थो की तस्करी का नया खतरा भी भारत में बढ़ गया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईंएसआईं भारत में इन मादक पदार्थो को बांग्लादेश के रास्ते भेज रहा है। सूत्रों के अनुसार पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश अफीम, गांजा, हेरोइन जैसे मादक पदार्थ की तस्करी के नए खतरे का सामना कर रहे हैं। तस्करों ने नशीले पदार्थो की तस्करी के लिए अपने रास्ते बदल लिए हैं। इस्लामिक छात्र संगठनों की भी संलिप्तता पाईं गईं है।
सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार हाल ही में बांग्लादेश के सुरक्षा बलों के म्यांमार से मादक पदार्थो की तस्करी के पारंपरिक मार्ग पर अभियान चलाए जाने के कारण नशीले पदार्थो को म्यामांर से भारत में त्रिपुरा, मिजोरम और असम होते हुए देश के अन्य हिस्सों में भेजे जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार भारत और बांग्लादेश के वुछ छात्र संगठन तस्करी से जुड़े हैं। माफिया और सुरक्षा बलों को आशंका है कि तस्करी से अर्जित पंड को वे आतंकी गतिविधियों में लगा सकते हैं। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर कार्रवाईं के कारण मादक पदार्थ तस्कर गिरोह में अब भारत-बांग्लादेश सीमा का इस्तेमाल कर रहे हैं। म्यांमार से तस्करी कर लाए जा रहे मादक पदार्थो की खेप अब मणिपुर और वहां से तिलपुर (असम) और त्रिपुरा होते हुए देश के अन्य हिस्सों में भेजा जा सकता है। खुफिया एजेंसियों ने कहा कि मादक पदार्थ की तस्करी के लिए म्यांमार, मिजोरम, मणिपुर से त्रिपुरा, बांग्लादेश के मार्ग के भी इस्तेमाल होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया मादक पदार्थो के लिए लक्षित बाजार अब भी बांग्लादेश बना हुआ है। वहीं ब्राउन शुगर जैसी अन्य नशीली दवाओं को पूर्वोत्तर भारत में खुदरा बिव्री के अलावा देश के बाकी इलाकों में भी भेजा जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्ग में बदलाव और कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद बीएसएफ त्रिपुरा प्रंटियर खतरे से निपटने के लिए कदम उठा रहा है।
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